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सीजीएफ ने स्टेडियमों के सुरक्षा प्रमाणन के लिये 18 अगस्त की समय सीमा दी

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (जीएफ)के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक हूपर ने आज कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति को 18 अगस्त तक स्टेडियम देने के लिये जिम्मेदार प्रत्येक सरकारी एजेंसियों की रिपोर्ट उनके सामने प्रस्तुत करनी होगी.

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राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (जीएफ)के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक हूपर ने आज कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति को 18 अगस्त तक स्टेडियम देने के लिये जिम्मेदार प्रत्येक सरकारी एजेंसियों की रिपोर्ट उनके सामने प्रस्तुत करनी होगी.

उन्होंने कहा कि समिति को बताना होगा कि उन्हें एथलीटों की अग्नि से सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के संबंध में नियामक निकायों से प्रमाण पत्र प्राप्त हो गया है.

हूपर ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति को सीजीएफ के प्रमुख माइक फेनेल के यहां 18 अगस्त तक पहुंचने तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिये कहा गया है .

यह पूछे जाने पर अगर 18 अगस्त की समय सीमा पूरी नहीं हो पायी तो सीजीएफ क्या करेगा तो हूपर ने कहा, ‘हम किसी भी तरह की (दंड संबंधी) कार्रवाई के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. खेलों में केवल दो महीने का समय बचा है. मैं ज्यादा आगे और पीछे के बारे में नहीं सोच रहा हूं. महत्वपूर्ण चीज यह है कि हमें आगे बढ़ना होगा और खेलों की सफलता के लिये आगे के काम पर ध्यान केन्द्रित करना होगा.
हूपर ने कहा की सीजीएफ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट से बहुत चिंतित है, जिसमें खेलों के स्थलों पर नियंत्रण में कई तरह की कमियां पर ध्यान दिलाया गया है और अंतरराष्ट्रीय महासंघ की संतुष्टि के लिये इन्हें संबोधित किया जाना चाहिए.

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हूपर ने कहा, ‘हम स्थलों के नियत्रंण के संबंध में सीवीसी की रिपोर्ट पर काफी चिंतित हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि दो स्टेडियमों की अग्नि सुरक्षा अनापत्ति प्रमाण पत्र के संबंध में काम अब भी पूरे नहीं हुए हैं. इन्हें पूरा किया जाना बाकी है. हमारे साथ राष्ट्रमंडल देशों को भी आश्वस्त होने की जरूरत है कि ये सभी स्टेडियम खेलों के आयोजन के लिये सभी जरूरी मानकों को पूरा करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘जब सीवीसी की रिपोर्ट आयी तो मैंने खेल मंत्री एम एस गिल से मुलाकात की और उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी स्टेडियम जरूरी उपकरणों से लैस होंगे और ये समय पर तैयार हो जायेंगे. यह काफी उत्साहवर्धक रहा, हांलाकि अब भी काफी चीजें की जानी बाकी हैं. हूपर ने हालांकि सुरेश कलमाड़ी की अगुवाई वाली आयोजन समिति को टूर्नामेंट के स्थलों के निर्माण में हो रही देरी के लिये दोषी ठहराने से इंकार कर दिया और कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकारी एजेंसियों की हैं, जिन्हें ये स्टेडियम देने हैं.

उन्होंने कहा, ‘स्टेडियमों को पूरा करने के लिये आयोजन समिति या कलमाड़ी जिम्मेदार नहीं हैं. इसकी पूरी जिम्मेदारी विभिन्न एजेंसियों जैसे साइ, डीडीए, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी की है. कलमाड़ी निर्माण कार्य के विशेषज्ञ नहीं हैं और न ही ‘मैं’. ‘ यह पूछने पर कि क्या सीजीएफ भारत को मेजबानी का अधिकार देकर पछता रही है तो हूपर ने कहा, ‘बिलकुल नहीं . यह खेलों के आयोजन के बारे में है. आपके देश ने इतना समय और धन खेलों पर लगाया है . हमें इस पर ही ध्यान देना चाहिए.’

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