शिखर धवन के पहले वनडे शतक के दम पर भारत ने रोमांचक मैच में दक्षिण अफ्रीका को 26 रन से हरा दिया. चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट के ग्रुप बी के इस मैच में दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत के रिकॉर्ड 332 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी.
भारत की ओर से रविंद्र जडेजा ने ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए नाबाद 47 रन की पारी खेलने के अलावा नौ ओवर में 31 रन देकर दो विकेट चटकाए. भुवनेश्वर कुमार ने 49, इशांत शर्मा ने 66, जबकि उमेश यादव ने 75 रन देकर 2-2 विकेट हासिल किए.
टीम इंडिया ने इस तरह चैंपियंस ट्रॉफी में दक्षिण अफ्रीका पर अपना दबदबा बरकरार रखा. भारत ने इससे पहले 13 अक्तूबर 2000 को नैरोबी में 95 रन, जबकि 25 सितंबर 2002 को कोलंबो में इस टीम पर 10 रन की जीत दर्ज की थी.
भारत ने शिखर धवन (114) के करियर के पहले शतक के दम पर सात विकेट पर 331 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था, जो सोफिया गार्डन्स पर किसी भी टीम का सबसे बड़ा स्कोर है.
इससे पहले भारत ने ही यहां इंग्लैंड के खिलाफ छह विकेट पर 304 रन बनाए थे, लेकिन तब उसे हार का सामना करना पड़ा था. लक्ष्य का पीछा करने उतरे दक्षिण अफ्रीका ने चौथे ओवर में 31 रन तक ही दोनों सलामी बल्लेबाजों कोलिन इनग्राम (06) और हाशिम अमला (22) के विकेट गंवा दिए. इनग्राम को भुवनेश्वर कुमार, जबकि अमला को उमेश यादव ने पवेलियन भेजा.
पीटरसन के रन आउट होने से यह जोड़ी टूटी. पीटरसन अश्विन की गेंद को खेलने के बाद रन के लिए दौड़ पड़े, लेकिन मिड विकेट पर जडेजा ने लपककर गेंद रोकी और इसे विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी तक पहुंचाया, जिन्होंने रन आउट करने में कोई गलती नहीं की. पीटरसन ने 72 गेंद की अपनी पारी में छह चौके मारे.
जडेजा ने इसके बाद गेंदबाजी में वापसी करते हुए जेपी डुमिनी (14) को एलबीडब्ल्यू आउट हुए. यादव ने अगले ओवर में अपने नए स्पैल में डिविलियर्स को फॉरवर्ड स्क्वायर लेग पर जडेजा के हाथों कैच कराया, जबकि डेविड मिलर एक भी गेंद खेले बिना रन आउट हुए. दक्षिण अफ्रीका ने छह रन के भीतर तीन विकेट गंवाए.
फाफ डु प्लेसिस (30) और रेयान मैक्लॉरेन ने 4.4 ओवर में 50 रन जोड़कर टीम को वापसी दिलाई. ईशांत ने अपने नए स्पैल की अपनी तीसरी गेंद पर ही डु प्लेसिस को मिड ऑफ पर रैना के हाथों कैच करा दिया. इशांत ने इसके बाद रोरी क्लेनवेल्ट (04) को पवेलियन भेजकर दक्षिण अफ्रीका को आठवां झटका दिया.
टीम को अंतिम 10 ओवर में जीत के लिए 81 रन की दरकार थी, लेकिन टीम मैकलॉरेन और मोर्ने मोर्कल (08) के बीच अंतिम विकेट की 48 रन की साझेदारी के बावजूद लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई. मैकलॉरेन ने 61 गेंद का सामना करते हुए 11 चौके और एक छक्का मारा.
धवन और रोहित ने पहले पांच ओवर में 15 रन जोड़कर भारत को सतर्क शुरुआत दिलाई. रोहित ने लोनवाबो सोतसोबे पर डीप कवर के ऊपर से छक्का जड़ने के बाद क्लेनवेल्ट को दो चौके मारे. धवन ने भी स्पिनर पीटरसन पर लगातार दो चौके जड़े. रोहित ने डुमिनी की गेंद पर एक रन के साथ 63 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. दायें हाथ का यह बल्लेबाज रेयान मैकलॉरेन की गेंद को पुल करने की कोशिश में डीप स्क्वायर लेग पर पीटरसन को कैच दे बैठा. उन्होंने 81 गेंद की अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का मारा.
धवन ने मैकलॉरेन की गेंद पर एक रन के साथ सिर्फ 44 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. इससे पहले 45 रन के निजी स्कोर मैकलॉरेन की बाउंसर धवन के हेलमेट पर लगी, जिससे उनके दायें कान के पीछे कट भी लग दिया.
धवन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. उन्होंने सोतसोबे पर चौका जड़ने के बाद इस तेज गेंदबाज पर सीधा छक्का भी जड़ा और फिर क्लेनवेल्ट पर लगातार दो चौकों के साथ सिर्फ 80 गेंद में अपने कैरियर का पहला वनडे शतक पूरा किया.
धवन अगले ओवर में भाग्यशाली रहे, जब डुमिनी की गेंद को आगे बढ़कर खेलने की कोशिश में चूक गए, लेकिन विकेटकीपर डिविलियर्स स्टंप नहीं उखाड़ पाए.
बल्लेबाजी पावर प्ले में भारत ने पांच ओवर में 36 रन जोड़े, जबकि इस दौरान धवन और दिनेश कार्तिक के विकेट गंवाए. धवन ने डुमिनी की गेंद पर आरोन फांगिसो को कैच थमाया. उन्होंने 94 गेंद की अपनी पारी में 12 चौके और एक छक्का मारा.
कार्तिक (15 गेंद में 14 रन) ने डुमिनी पर छक्का जड़ा, लेकिन मैकलॉरेन की गेंद पर डिविलियर्स को कैच दे बैठे. सुरेश रैना छह गेंद में नौ रन बनाने के बाद मैकलॉरेन का शिकार बने, जबकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 26 गेंद में 27 रन बनाने के बाद सोतसोबे की गेंद पर फाफ डु प्लेसिस को कैच थमाया.
जडेजा ने अंतिम ओवर में तेजी से रन बटोरे, जिससे भारत ने अंतिम 10 ओवर में 82 रन जोड़े. मैकलॉरेन ने 70 रन देकर तीन विकेट चटकाए. सोतसोबे ने 83, जबकि क्लेनवेल्ट ने 81 रन लुटाए. सोतसोबे को दो विकेट मिले.