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बड़े लक्ष्य का पीछा करना क्रिकेट की सेहत के लिए अच्छा नहीं: महेंद्र सिंह धोनी

टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी नागपुर में ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ मिली जीत से खुश तो हैं लेकिन इसके साथ ही उनकी चिंता भी बढ़ गई है. इस चिंता की वजह है इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए ज्यादातर रन बाउंड्री से बनाना. धोनी की माने तो यह लंबे समय में क्रिकेट के लिए सही नहीं है.

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विराट कोहली और रोहित शर्मा
विराट कोहली और रोहित शर्मा

टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी नागपुर में ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ मिली जीत से खुश तो हैं लेकिन इसके साथ ही उनकी चिंता भी बढ़ गई है. इस चिंता की वजह है इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए ज्यादातर रन बाउंड्री से बनाना. धोनी की माने तो यह लंबे समय में क्रिकेट के लिए सही नहीं है.

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विराट कोहली ने 66 गेंदों पर 18 चौकों की मदद से 115 रन बनाए थे, जबकि शिखर धवन ने 100 रनों की पारी में 11 चौके जड़ डाले थे. वहीं रोहित शर्मा ने 79 रन बनाए थे और इस दौरान उनके बल्ले से 7 चौके निकले थे. इससे पहले टीम इंडिया ने जयपुर में दूसरे वनडे में 360 रनों के लक्ष्य को 44वें ओवर में ही हासिल कर लिया था.

'7 घंटे बस चौके और छक्के देखने को मिले'
धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘नियमों में बदलाव के बाद गेंदबाजों के खिलाफ अधिक रन बन रहे हैं. एक अतिरिक्त खिलाड़ी अंदर होता है, जिससे बल्लेबाजों के लिए रन बनाना आसान हो जाता है. ऐसा लगता है 350 रन पहले के 280, 290 या 300 रन की तरह हो गए हैं. तेज गेंदबाज भी थर्ड मैन और फाइन लेग को अंदर रखकर गेंदबाजी करने लगे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि खेल किस ओर जा रहा है. इससे मनोरंजन हो रहा है लेकिन अगर हम इस तरह लक्ष्य को हासिल करते रहे तो लंबे समय में यह खेल की सेहत के लिए अच्छा नहीं होगा. हमें आज सात घंटे में सिर्फ चौके और छक्के ही देखने को मिले.’

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'विराट, शिखर और रोहित तीनों को जीत का श्रेय'
लक्ष्य का पीछा करते हुए रणनीति के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, ‘हमने 30 ओवर के अंतराल को पहले लिया और इसके लिए रणनीति बनाई. हमने योजना बनाई कि अगर हम पहले 30 ओवर में 180 रन के आसपास बना लेते हैं तो बाद के 20 ओवर में बाकी रन बना सकते हैं, क्योंकि इसमें पावर प्ले के ओवर भी होंगे.’ धोनी ने इस जीत का श्रेय कोहली के अलावा धवन और रोहित शर्मा (79) की सलामी जोड़ी को भी दिया जिन्होंने पहले विकेट के लिए 178 रन की रिकॉर्ड साझेदारी करके भारत को शानदार शुरुआत दिलाई.

'विराट ने बाकी बल्लेबाजों पर से दबाव हटाया'
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि शिखर और रोहित ने शानदार बल्लेबाजी की. शिखर ने शतक बनाया लेकिन रोहित को परेशानी हो रही थी और वह गैप नहीं ढूंढ पा रहा था लेकिन वह दबाव को झेलने में सफल रहा और उसने अच्छी पारी खेली.’ उन्होंने कहा, ‘विराट कोहली ने एक बार फिर शानदार पारी खेली. गेंद पुरानी हो गई थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज काफी अच्छे हैं और उसने उन पर पलटवार किया. उसने बल्लेबाजी को आसान कर दिया. उसने जिस तरह से बाकी बल्लेबाजों से दबाव हटाया वह शानदार था.’

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'बेंगलुरु में भी होगी रनों की बरसात'
सीरीज का सातवां और निर्णायक मैच दो नवंबर को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा और धोनी ने कहा कि एक बार फिर बड़े स्कोर की उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने कहा, ‘बेंगलुरु को बड़े स्कोर वाले मैचों के लिए जाना जाता है. वहां टी-20 मैचों में 180 के आसपास रन बन जाते हैं इसलिए नहीं पता कि वहां लक्ष्य देने या हासिल करने के लिए कितने रन पर्याप्त होंगे.’

'निराशाजनक रही ये हार'
ऑस्ट्रेलिया की ओर से शतक जड़ने वाले कप्तान बेली ने कहा कि हार निराशाजनक रही. उन्होंने कहा, ‘यह निराशाजनक रहा. विराट ने बेहतरीन पारी खेली. यह बल्लेबाजी के लिए बेहतरीन विकेट था. हमें शुरुआत में जल्द विकेट चटकाने की जरूरत थी लेकिन ऐसा नहीं कर पाए.’ बेली ने कहा कि वह अब बेंगलुरु में अंतिम और निर्णायक मैच में जीत दर्ज करने की कोशिश करेंगे.

'शिखर और रोहित ने कम कर दिया था दबाव'
मैन ऑफ द मैच कोहली ने कहा कि रोहित और शिखर ने अच्छी शुरुआत देकर दबाव काफी कम कर दिया था. कोहली ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारी यही रणनीति थी. रोहित और शिखर ने हमें अच्छा स्टेज दिया. शिखर की मांसपेशियों में बाद में खिंचाव आ गया था और यह अहम था कि हम दोनों में से एक अंत तक टिका रहे. मैंने शुरुआत में कुछ जोखिम उठाए और सफल रहा. मैंने सोचा कि मुझे शिखर को अंत तक बल्लेबाजी करने देनी चाहिए, लेकिन उसके आउट होने के बाद मैंने सोचा कि अब मुझे मैच खत्म करना होगा.’

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