शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के शर्मनाक प्रदर्शन से दिल्ली को फिरोजशाह कोटला मैदान पर चेन्नई के हाथों 86 रन की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी जो टी-20 लीग 6 में उसकी लगातार छठी हार है.
चेन्नई की इस जीत के नायक आस्ट्रेलिया के माइकल हसी और हरियाणा के मोहित शर्मा रहे. हसी 50 गेंद पर नाबाद 66 रन की रणनीतिक पारी खेली तथा सुरेश रैना (32 गेंद पर 30 रन) के साथ 60 और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (23 गेंद पर 44) के साथ 74 रन की दो उपयोगी साझेदारियां की. इससे चेन्नई ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 169 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया.
मध्यम गति के गेंदबाज मोहित ने इसके बाद चेन्नई को सनसनीखेज शुरुआत दिलाकर दिल्ली को हिलाकर रख दिया. उन्होंने पारी के दूसरे ओवर में दो विकेट लिये और इसके बाद तो लगातार विकेट गिरते रहे. दिल्ली 17.3 ओवर में 83 रन पर ढेर हो गई जो इस सत्र में किसी भी टीम का न्यूनतम स्कोर है. केदार जाधव (28 गेंद पर 31) ही चेन्नई की अनुशासित गेंदबाजी के सामने कुछ जज्बा दिखा पाये.
चेन्नई की तरफ से मोहित ने दस रन देकर तीन जबकि आर अश्विन ने 18 रन देकर चार विकेट लिये. दिल्ली का दर्द बढ़ता ही जा रहा है तथा लगातार लचर बल्लेबाजी और खराब क्षेत्ररक्षण के कारण उसकी हर उम्मीद टूटती जा रही है. दिल्ली टी-20 लीग के किसी टूर्नामेंट में शुरुआती छह मैच हारने वाली पहली टीम बन गयी है जबकि चेन्नई ने पांचवें मैच में तीसरी जीत दर्ज की.
दिल्ली ने हैदराबाद का रिकार्ड तोड़ा जिसने 2012 में पहले पांच मैच गंवाये थे. दिल्ली के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती सबसे निचले स्थान पर आने से बचने की रहेगी और यदि वह इसमें सफल रहता है तो यह उसके लिये बड़ी उपलब्धि होगी.
दिल्ली की ओर से वीरेंद्र सहवाग ने एल्बी मोर्कल पर डीप मिडविकेट पर छक्का जड़कर शुरुआत की लेकिन मोहित ने अगले ओवर में दिल्ली को हिलाकर रख दिया. डेविड वार्नर ने उनकी गेंद कट करने के प्रयास में विकेटों पर गेंद मारी जबकि मनप्रीत जुनेजा को उन्होंने एलबीडब्ल्यू आउट किया. माहेला जयवर्धने (6) को क्रिस मौरिस की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट दिया गया तथा जुनेजा की तरह वह भी फैसले से खुश नहीं थे.
सहवाग (13 गेंद पर 17 रन) ने अगले ओवर में मोहित को अपना विकेट इनाम में दिया. उन्होंने ऑफ स्टंप से बाहर की गेंद पुल करके डीप स्क्वायर लेग पर हवा में लहराता कैच थमाया. स्कोर हो गया चार विकेट पर 30 रन. जाधव और जीवन मेंडिस (12) ने बीच में पांच ओवर तक विकेट नहीं गिरने दिया. इन दोनों के बीच लेकिन आपसी तालमेल की कमी दिखी जिसके कारण मेंडिस रन आउट हो गये, जिसके बाद चेन्नई के गेंदबाजों ने निचले क्रम को समेटने में देर नहीं लगायी.
दिल्ली के आखिरी छह विकेट 22 रन के अंदर गिरे. इससे पहले चेन्नई की पारी हसी के इर्दगिर्द घूमती रही जिन्होंने छह चौके और दो छक्के लगाये. उन्हें धोनी का पूरा साथ मिला जिन्होंने अपने हेलीकाप्टर शाट सहित अपने ताकतवर स्ट्रोक्स से दर्शकों का मनोरंजन करते हुए पांच चौके और एक छक्का जमाया. हसी ने मुरली विजय के साथ पहले विकेट के लिये 30 रन जोड़े. मोर्ने मोर्कल ने पारी के पांचवें ओवर में अपने दूसरे स्पेल के लिये आने के बाद विजय को एलबीडब्ल्यू आउट करके दिल्ली को पहली सफलता दिलायी.
जयवर्धने ने गेंदबाजी में बदलाव जारी रखे और पावरप्ले समाप्त होने के बाद सहवाग को गेंद थमायी जिन्होंने इस टी-20 लीग में पहली बार गेंदबाजी की. चेन्नई की तरफ से 100वां मैच खेल रहे रैना ने उनके इस ओवर में एक चौका भी लगाया. चेन्नई पहले दस ओवर तक तेजी नहीं दिखा पाया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने तेजी दिखायी.
रैना ने उमेश यादव पर लगातार दो चौके लगाये जबकि हसी ने अपने पहले दो ओवर में केवल पांच रन देने वाले अगरकर पर छक्का जड़कर उनका गेंदबाजी विश्लेषण बिगाड़ा. रैना ने पठान की ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर शॉट लगाने के प्रयास में विकेटकीपर केदार जाधव को कैच थमाया. इसके बाद धोनी ने क्रीज पर कदम रखा और फिर कोटला का खचाखच भरा स्टेडियम चेन्नई का समर्थक बन गया.
धोनी ने भी दर्शकों को निराश नहीं किया और पठान की पहली गेंद को पुल करके चार रन के लिये भेजा. हसी ने इसके बाद टी-20 लीग में आठवां और टी-20 में अपना 17वां अर्धशतक पूरा किया. धोनी जब 17 रन पर थे तब अगरकर ने लॉन्ग ऑफ पर उनका आसान कैच छोड़ा. धोनी ने इसका पूरा फायदा उठाया और मोर्कल पर लगातार छक्का और चौका जमाया. इस दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज के इस ओवर में 19 रन बने जिसमें हसी के आखिरी दो गेंद पर लगाये गये चौके भी शामिल हैं. धोनी ने आखिरी ओवर में यादव की गेंद पर गलत टाइमिंग से शॉट लगाकर अपना विकेट गंवाया लेकिन तब तक वह अपना काम कर चुके थे.