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करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली

सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने के बाद भारतीय मध्यक्रम की रीढ़ माने जा रहे विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा इंग्लैंड दौरे में अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं जो भारत की पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में लगातार दो हार के लिये मुख्य वजह भी मानी जा रही है.

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विराट कोहली
विराट कोहली

सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने के बाद भारतीय मध्यक्रम की रीढ़ माने जा रहे विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा इंग्लैंड दौरे में अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं जो भारत की पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में लगातार दो हार के लिये मुख्य वजह भी मानी जा रही है. मैनचेस्टर में खेले गये चौथे टेस्ट मैच में ये दोनों बल्लेबाज पहली पारी में खाता नहीं खोल पाये थे जबकि दूसरी पारी में पुजारा 17 और कोहली सात रन बनाकर आउट हो गये थे.

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13.50 की औसत से खेल रहे हैं कोहली
कोहली ने अभी तक इस सीरीज के चार मैचों की आठ पारियों में केवल 108 रन बनाये हैं और उनका औसत 13.50 है. दूसरी तरफ पुजारा भी लगातार नाकाम रहे. उनके नाम पर इस सीरीज में 25.87 की औसत से 207 रन दर्ज हैं जिसमें एक अर्धशतक शामिल है. इस मैच में भारत के शीर्ष क्रम के पांचों बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. पुजारा और कोहली के अलावा मुरली विजय, गौतम गंभीर और अंजिक्य रहाणे ने इस मैच की दोनों पारियों में केवल 89 रन बनाये. यह टेस्ट क्रिकेट में भारतीय शीर्ष क्रम का सातवां बुरा प्रदर्शन है.

राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद भारतीय मध्यक्रम के श्रीमान भरोसेमंद माने जा रहे पुजारा इस साल शुरू से रन बनाने के लिये जूझ रहे हैं. उन्होंने पिछले साल जोहानिसबर्ग में आखिरी शतक लगाया था और उसके बाद पिछली 14 पारियों से उन्हें सैकड़े का इंतजार है. पुजारा ने वर्ष 2014 में अब तक छह टेस्ट मैच की 12 पारियों में केवल 267 रन बनाये हैं जिनमें उनका औसत 22.65 रहा. इसका बुरा प्रभाव पुजारा के औसत पर भी पड़ा. इस साल के शुरू में उनका औसत 66.25 था जो मैनचेस्टर टेस्ट मैच के बाद 51.58 हो गया है.

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कोहली ने पिछले साल दिसंबर में जोहानिसबर्ग में 119 रन की लाजवाब पारी खेली. इसके बाद उन्होंने फरवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में नाबाद 105 रन बनाकर फिर से साबित किया कि वह देश ही नहीं विदेश में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन इंग्लैंड दौरे पर उनके बल्ले पर मानो जंक लग गया. दिल्ली का यह बल्लेबाज इंग्लैंड में एक एक रन के लिये तरस रहा है. वेलिंगटन की पारी के कारण जहां कोहली का टेस्ट औसत 46.51 पर पहुंच गया था वही अब गिरकर 40.64 हो गया और अपने करियर में तीसरी बार उन पर औसत 40 से नीचे गिरने का खतरा मंडरा रहा है.

टीम पर पड़ा है इनके खराब प्रदर्शन का असर
द्रविड़ और लक्ष्मण के संन्यास के बाद भारतीय मध्यक्रम की जिम्मेदारी पुजारा और कोहली पर आ गयी थी. इन दोनों ने इसके बाद अपनी भूमिका बखूबी निभायी. द्रविड़-लक्ष्मण के संन्यास के बाद पुजारा ने 20 मैचों में 56.45 की औसत से 1750 रन बनाये जिसमें उनके सभी छह शतक शामिल हैं. कोहली भी इन सभी 20 मैच में खेले जिसमें उन्होंने 44.60 की औसत से 1338 रन बनाये. भारत ने इन 20 मैचों में से दस में जीत दर्ज की जबकि छह में उसे हार मिली. पुजारा ने विशेषकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभायी है. उनकी मौजूदगी में भारत ने जो 12 टेस्ट मैच जीते उसमें इस बल्लेबाज ने 74.25 की औसत से 1188 रन बनाये हैं. लेकिन उनके खराब प्रदर्शन का असर टीम पर भी पड़ा.

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पुजारा को टेस्ट मैचों में छह बार हार का स्वाद चखना पड़ा और इन मैचों में उनके बल्ले से 27.83 की औसत से केवल 334 रन निकले. जहां तक कोहली का सवाल है तो उनके रहते हुए भारत ने 11 टेस्ट मैच जीत दर्ज की जिसमें उन्होंने 45.21 की औसत से 633 रन बनाये. कोहली को हालांकि दस मैचों में हार भी झेलनी पड़ी जिनमें वह 27.70 की औसत से 554 रन ही बना पाये.

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