कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर सुरेश कलमाडी का एक और दावा झूठा निकला. कलमाडी ने कॉमनवेल्थ की मर्केंडाइजिंग यानी शेरा जैसे छोटे खिलौने, टी शर्ट, की रिंग और मग्स जैसे तमाम समान बेचकर 70 करोड़ से ज्यादा कमाने का दावा किया था.
लेकिन लेटलतीफ़ी और ख़राब मार्केटिंग स्ट्रेटजी के चलते ये आंकड़ा सात करोड़ तक ही पहुंचा.
दरअसल ये जिम्मा सौंपा गया था जयचंद्रन और टी एस दरबारी जैसे अधिकारियों को जो घोटाले के आरोप में बाहर किये जा चुके हैं. अब जिस डील में घोटालेबाज़ अधिकारी शामिल रहे हों, उसका हश्र इससे बेहतर क्या हो सकता था.