बदबू और गंदगी भरे मूत्रालय तथा खुले में लघु शंका और दीर्घ शंका के दृश्य जी हां राष्ट्रीय राजधानी में ये दृश्य आम हैं जहां अक्तूबर में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन होने जा रहा है.
राजधानी में न तो पर्याप्त शौचालय हैं और न ही सार्वजनिक स्थानों को गंदा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रमंडल खेलों से पहले यहां लोगों को अपने व्यवहार को बदलने की जरूरत है.
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिन्देश्वर पाठक का कहना है कि अच्छी सुविधाएं होने के बावजूद दीवारों पर और विशिष्ट स्थलों के बाहर लघु शंका करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘सार्वजनिक स्थलों को गंदा करने वालों पर भारी जुर्माना होना चाहिए. यह कोई नयी बात नहीं है. चंद्रगुप्त मौर्य और कौटिल्य के जमाने में भी ऐसा जुर्माना लगाया जाता था. सफाई के मामले में सिंगापुर को लीजिए जहां उल्लंघन करने वालों पर 500 सिंगापुर डॉलर का जुर्माना लगाया जाता है.’
पाठक ने कहा, ‘दिल्ली सरकार को भी ऐसे कदमों पर विचार करने की जरूरत है क्योंकि राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान हमारी प्रतिष्ठा दांव पर होगी.’