लॉर्डस पर दूसरे क्रिकेट टेस्ट में 95 रन से हार के बाद आलोचक भले ही इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक को हटाने की मांग कर रहे हैं लेकिन कुक ने कहा कि वो इस वक्त कप्तानी नहीं छोड़ना चाहते.
कुक की कप्तानी में इंग्लैंड ने 2013 में ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपनी धरती पर 3-0 से हराया था लेकिन तब से अब तक एक भी टेस्ट में जीत इंग्लिश टीम को हासिल नहीं
हुई. उस सीरीज में मिली आखिरी जीत को लगभग एक साल हो गए हैं और इस बीच इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी जमीं पर खेले गए पांच मैच की टेस्ट
सीरीज 5-0 से और श्रीलंका के खिलाफ अपनी ही धरती पर दो टेस्ट मैच की सीरीज 1-0 से हार चुकी है. यानी लॉर्ड्स के मैदान पर मिली यह हार पिछले एक साल में
कुक की कप्तानी में खेले गए 9 टेस्ट में सातवीं हार है.
‘मुझे रन बनाने होंगे’
कुक ने मैच खत्म होने के बाद कहा, ‘यह कड़ी हार है. मुझे लगता है कि हमें भारत को काफी ज्यादा श्रेय देना होगा, उन्होंने हमें बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में पस्त
किया.’ उन्होंने पिच के बारे में कहा, ‘पिछली पारी में भी, पिच टर्न ले रही थी और उछाल ले रही थी, यहां टॉस जीतना अच्छा था. लेकिन इसका श्रेय भारत को देना
चाहिए, उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया.’ इंग्लैंड के सीनियर खिलाड़ी अपने रिकार्ड के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं जबकि युवाओं ने अच्छा खेल दिखाया है. कुक ने इसे
खिलाड़ियों के आत्मविश्वास का मुद्दा बताया. उन्होंने कहा ‘निश्चित रूप से यह आत्मविश्वास की बात है. हमारी टीम ऐसे खिलाड़ियों का समूह है जो इंग्लैंड के लिये जीत
हासिल करने को बेताब है. हमारे युवा खिलाड़ियों ने काफी बढ़िया प्रदर्शन किया, जो इंग्लिश क्रिकेट के लिये अच्छा है. हां, सीनियर खिलाड़ी अपने रिकार्ड के मुताबिक नहीं
खेल रहे हैं, जिसमें मैं भी शामिल हूं. मुझे भी रन बनाना होगा.’
कुक ने मैट प्रायर की तारीफ करते हुए कहा, ‘उसमें अपार प्रतिभा है. इस समय मुझे लगता है कि वह देश का सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर बल्लेबाज खिलाड़ी है.’ उन्होंने टीम में जगह बनाने की चुनौती के बारे में कहा, ‘प्रत्येक खिलाड़ी को टीम में अपनी जगह हासिल करनी पड़ती है और प्रायर ‘फाइटर’ है. आप अपने ड्रेसिंग रूम में ऐसा खिलाड़ी रखना चाहोगे.’ अंत में कुक थोड़े भावुक हो गये और वह बल्ले से प्रदर्शन नहीं कर पाने से भी दुखी दिखे. उन्होंने कहा, ‘मैं इस परिणाम को बदलने के लिये सबकुछ कर रहा था. लेकिन इसके लिये सबसे पहले मुझे रन बनाने शुरू करने होंगे. पिछले कुछ समय से बल्ले से मैं प्रदर्शन नहीं कर पा रहा हूं, लेकिन कप्तान के तौर पर मैंने कुछ मैच जीते हैं.’
लॉर्ड्स पर दूसरी बार जीती टीम इंडिया
भारत ने ‘क्रिकेट के मक्का’ लॉर्डस पर 28 साल बाद टेस्ट मैच अपने नाम कर इतिहास रचा. यह लॉर्ड्स पर टीम इंडिया की केवल दूसरी जीत है. टीम इंडिया की यह जीत
लॉर्ड्स के मैदान पर 1986 में कपिल देव की कप्तानी में मिली जीत के बाद से पहली जीत है. महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम ने 95 रन की जीत से पांच टेस्ट
मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली.