भारतीय आलराउंडर रविंद्र जडेजा ने कहा कि स्वभाव से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आक्रामक क्रिकेट खेलते है और उन्हें मुश्किल में डालने का श्रेय पूरी टीम को जाता है.
आस्ट्रेलियाई टीम पहला टेस्ट गंवाने की कगार पर खड़ी है. चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद टीम की कुल बढ़त सिर्फ 40 रन की है जबकि दूसरी पारी में उसका सिर्फ एक विकेट शेष है.
पिछली घरेलू श्रृंखला में भारत को हराने वाले इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी की तुलना के बारे में पूछने पर जडेजा ने कहा कि माइकल क्लार्क की टीम कहीं अधिक सकारात्मक होकर खेलती है.
जडेजा ने कहा, ‘आस्ट्रेलिया में यह अहं है.. वे अधिक सकारात्मक होकर खेलने का प्रयास करते हैं. अगर वे तीन, चार ओवर मेडन खेल लें तो वे आक्रामकता दिखाने लगते हैं. इसलिए वे दबाव में नहीं आते. लेकिन यह विकेट शुरू से टर्न कर रहा था और हमने अच्छी गेंदबाजी की. अश्विन ने अच्छी गेंदबाजी की, भज्जी ने अच्छी गेंदबाजी की. सभी ने भूमिका निभाई.’ अश्विन ने दूसरी पारी में पांच जबकि हरभजन सिंह ने दो विकेट चटकाए.
दो विकेट हासिल करने वाले जडेजा ने कहा,’अब हमें उनका अंतिम विकेट जल्द हासिल करना होगा और 50 से 55 रन या जितने भी रन वे बनाते हैं वह बनाने होंगे.’
जडेजा ने एमए चिदंबरम स्टेडियम की पिच की तारीफ करते हुए कहा कि स्पिनरों के अनुकूल होने के बावजूद इससे अब भी तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही है. उन्होंने कहा, ‘यह अच्छा विकेट है. भारतीय हालात में इस तरह के विकेट बनते हैं. टेस्ट क्रिकेट में आप तभी जीत सकते हो जब 20 विकेट चटकाओ और विकेट के केंद्र को नुकसान नहीं पहुंचा है. इसलिए यह तेज गेंदबाजों के लिए अच्छी है. विकेट जो भी टूटी है वह गेंदबाजों के पैर के निशान के कारण है और यह विकेट के अंत में है. मुझे लगता है कि यह टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छा विकेट है.’
जडेजा ने कहा, ‘विकेट में टर्न है, यह सभी को पता है. सभी इसे देख सकते हैं. लेकिन कभी कभी सामान्य से अधिक टर्न हो रहा है जिसकी आपको जरूरत नहीं है. मुख्यत: आपको सही क्षेत्रों में गंेदबाजी करनी होती है.’ यह पूछने पर कि वह क्या कहलाना चाहते हैं, बल्लेबाजी आलराउंडर या गेंदबाजी आलराउंडर, जडेजा ने कहा कि तमगे से कोई फर्क नहीं पड़ता और वे सिर्फ रन बनाना और विकेट हासिल करना चाहते हैं.
जडेजा ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में सफल होने के लिए उन्हें अपनी गेंदबाजी में और विविधता लानी होगी.