चेक गणराज्य की पेट्रा क्विटोवा ने छठी वरीयता प्राप्त कनाडा की यूजीनी बूचार्ड को 6-3, 6-0 से हराकर अपना दूसरा विम्बलडन महिला एकल खिताब जीत लिया. यह 1983 के बाद सबसे जल्दी खत्म हुआ फाइनल था. तीन साल पहले विम्बलडन जीत चुकी क्विटोवा ने दूसरे खिताब के लिये तीन साल का इंतजार 55 मिनट में खत्म कर दिया. उसने 28 विनर और चार ऐस लगाकर दुनिया की 13वें नंबर की खिलाड़ी बूचार्ड को बुरी तरह हराया.
विम्बलडन जीतने के बाद पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल खेलने वाली 24 बरस की क्विटोवा ने कैरियर का 12वां खिताब जीता. क्वितोवा ने यह शानदार प्रदर्शन अपनी बचपन की आदर्श रही मार्तिना नवरातिलोवा के सामने किया. नवरातिलोवा ने 31 बरस पहले आंद्रिया जागेर को 54 मिनट में हराकर आखिरी विम्बलडन खिताब जीता था. पहला विम्बलडन खिताब जीतने के बाद अपेक्षाओं का बोझ नहीं सह सकी क्विटोवा कामयाबी के लिये तरस रही थी. उसने आज जबर्दस्त फार्म का प्रदर्शन करते हुए खिताब जीता जिससे वह अगले सप्ताह विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर पहुंच जायेगी.
दूसरी ओर 2009 में कैरोलीन वोज्नियाकी के बाद विम्बलडन खेलने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बूचार्ड का खिताब जीतने का सपना चूर चूर हो गया. खूबसूरत चेहरे मोहरे के कारण अक्सर मारिया शारापोवा से तुलना का सामना करने वाली बूचार्ड का नाम राजकुमारी यूजीनी के नाम पर रखा गया था. राजकुमारी यूजीनी ने यह मैच रॉयल बॉक्स में बैठकर देखा लेकिन बूचार्ड भी शारापोवा की तरह फाइनल में क्वितोवा से हार गई.
क्विटोवा ने शुरुआत से ही आक्रामक खेल दिखाया जिसका बूचार्ड के पास कोई जवाब नहीं था. उसने तीसरे ही गेम में उसकी सर्विस तोड़ दी. बूचार्ड ने भी जवाबी हमला करने की कोशिश की लेकिन क्विटोवा के पास उसके हर वार का जवाब था. क्विटोवा ने शानदार विनर लगाकर पहला सेट जीता. दूसरे सेट में भी उसने यह फार्म जारी रखा और खिताब अपने नाम कर लिया.
ईरानी, विंची को युगल खिताब
इटली की सारा ईरानी और राबर्टा विंची महिला युगल ग्रैंडस्लैम पूरा करने वाली पांचवीं जोड़ी हो गई जब उन्होंने विम्बलडन फाइनल में टिमीया बाबोस और क्रिस्टीना म्लादेनोविच को हराया.
इटली की दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी ने हंगरी की बाबोस और फ्रांस की म्लादेनोविच की 14वीं वरीयता प्राप्त जोड़ी के खिलाफ 6-1, 6-3 से जीत दर्ज की. उन्होंने इस साल आस्ट्रेलियाई ओपन भी जीता था.