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डीडीसीए को लोढ़ा समिति की सिफारिशें मंजूर नहीं

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने से इनकार कर दिया. इन सिफारिशों को लागू किए जाने से बीसीसीआई की राज्य इकाईयों के कामकाज पर सीधा असर पड़ सकता है.

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जस्टिस आर एम लोढ़ा
जस्टिस आर एम लोढ़ा

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने से इनकार कर दिया. इन सिफारिशों को लागू किए जाने से बीसीसीआई की राज्य इकाईयों के कामकाज पर सीधा असर पड़ सकता है. डीडीसीए की प्रबंध समिति की लोढ़ा समिति के विभिन्न सिफारिशों की समीक्षा के लिए बुधवार को बैठक हुई और वह बीसीसीआई के संचालन ढांचे में आमूलचूल सुधारों से संबंधित प्रमुख सिफारिशों से सहमत नहीं है.

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डीडीसीए चुनाव और पदाधिकारियों के कार्यकाल, डीडीसीए पदाधिकारियों का एक साथ बीसीसीआई पद भी संभालना, प्राक्सी मतदान और हितों के टकराव सहित अन्य मसलों पर लोढ़ा पैनल से सहमत नहीं है.

एक व्यक्ति के एक पद पर रहने के मसले पर डीडीसीए ने जारी बयान में कहा, ‘डीडीसीए की प्रबंध समिति को लगता है कि यह फैसला संबंधित राज्य इकाई की स्वतंत्रता है कि पदाधिकारियों की नियुक्ति से डीडीसीए के प्रशासनिक कार्य प्रभावित होते हैं या उनमें रुकावट आती है.’

इस बयान पर दो उपाध्यक्षों चेतन चौहान और सीके खन्ना के हस्ताक्षर हैं. इसमें आगे कहा गया है, जब तक कार्यकारी समिति (निदेशकों) के सदस्यों को नहीं लगता कि डीडीसीए का कामकाज प्रभावित हो रहा है तब तक इस नियम को लागू करने का कोई उचित कारण नहीं हो सकता है.

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यह विवादास्पद क्रिकेट संस्था प्राक्सी मतदान जारी रखने के पक्ष में है. बयान में कहा गया है, ‘यह व्यवस्था जारी रहनी चाहिए क्योंकि कई संघों में स्वयं मतदान का प्रावधान है. जो संघ कंपनी अधिनियम के तहत आते हैं वे कानूनी तौर पर 1956 के अधिनियम की धारा 176-178 से बंधे हुए हैं. यहां तक कि एक व्यक्ति का प्राक्सी नियुक्त किए जाने पर डीडीसीए का कोई भी सदस्य आकर उसके बदले मतदान कर सकता है. डीडीसीए हालांकि भविष्य में राज्य संघों को आरटीआई अधिनियम के तहत लाने के प्रति आशावादी दिखा लेकिन उसने चुनावों और पदाधिकारियों के कार्यकाल को लेकर सिफारिशों को नामंजूर कर दिया.’

बयान में कहा गया है, ‘पदाधिकारियों का चुनाव डीडीसीए संविधान के तहत लोकतांत्रिक प्रक्रिया से होता है. इसके कार्यकाल में किसी तरह की सीमा तय करना उचित नहीं होगा.’

लोढ़ा कमेटी की 10 बड़ी सिफारिशें
1. सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने पर विचार किया जाए
2. सीनियर सेलेक्शन कमेटी में सिर्फ पूर्व क्रिकेटर हों
3. बीसीसीआई के टॉप 5 अधिकारी 70 साल से अधिक उम्र के न हों
4. एक पद पर 9 साल से अधिक नहीं, राज्यों में आजीवन कोई पद नहीं
5. कोई मंत्री और सरकारी अधिकारी BCCI में नहीं होगा
6. प्लेयर्स एसोसिएशन बनाई जाए
7. BCCI और IPL की गवर्निंग बॉडी अलग अलग हों
8. एक राज्य में वोट के हक वाली एक एसोसिएशन हो
9. BCCI को RTI एक्ट के तहत लाने पर विचार किया जाए
10. IPL के पूर्व COO सुंदर रमन के खिलाफ सबूत नहीं

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