बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. ज्वाला ने भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) द्वारा आजीवन प्रतिबंध लगाए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ कोर्ट की शरण ली है. कोर्ट के ताजा फैसले के बाद ज्वाला अब अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेल सकेंगी.
बुधवार को नहीं हो सकी थी सुनवाई
विवादों में घिरी बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने बुधवार को ही भारतीय बैडमिंटन संघ के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बुधवार को इस मामले की सुनवाई नहीं हो सकी थी.
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क्या है पूरा मामला...
दरअसल, BAI की अनुशासन समिति ने ज्वाला गुट्टा पर भारतीय बैडमिंटन लीग में कथित रूप से आचार संहिता के उल्लघंन के लिए आजीवन प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है. ज्वाला गुट्टा पर अपनी फ्रेंचाइजी क्रिस दिल्ली स्मैशर्स के कुछ खिलाड़ियों
को आईबीएल में बंगा बीट्स के खिलाफ मैच में खेलने से रोकने का प्रयास करने
का आरोप है.
ज्वाला ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलने की इजाजत के लिए कोर्ट से गुहार लगाई. साथ ही ज्वाला ने मांगी की कि BAI के 3 सदस्यीय कमेटी के प्रस्ताव पर स्टे लगाया जाए.
BAI ने अगले एक महीने में किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए ज्वाला के नाम पर विचार करने से इनकार कर दिया था. अध्यक्ष अखिलेश दास गुप्ता द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति का फैसला अभी पेंडिंग है. इस वजह से कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली यह खिलाड़ी डेनमार्क और फ्रेंच ओपन में भाग नहीं ले पाती.
कोच ने दी थी मानहानि का केस करने की सलाह
ज्वाला के कोच सईद मोहम्मद आरिफ ने इस बैडमिंटन खिलाड़ी को BAI के उसे प्रतिबंध का नोटिस भेजे बिना मीडिया में जाने के लिये 'बाई' के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने की सलाह दी थी. इस बारे में ज्वाला के पिता क्रांति गुट्टा ने कहा, ‘हमने इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है. इसी के अनुसार हमने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.’
बहरहाल, कोर्ट के फैसले से ज्वाला गुट्टा फौरी राहत तो मिल ही गई है.