दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से बीसीसीआई और इसके सभी क्रिकेट मामलों, जिसमें आईपीएल भी शामिल हैं, पर सरकारी नियंत्रण का निर्देश देने के लिए दायर की गयी जनहित याचिका पर जवाब मांगा है.
मुख्य न्यायाधीश डी मुरूगेसन और न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी किया है. यह जनहित याचिका गैर सरकारी संगठन ‘सामाजिक एवं मानवीय मामलों के संघ’ द्वारा दायर की गयी है.
गैर सरकारी संगठन के अध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल ने यह जनहित याचिका दायर कर खेल मंत्रालय से बीसीसीआई को एक राष्ट्रीय खेल महासंघ घोषित करने तथा बीसीसीआई और इसकी गतिविधियां पर नियत्रंण बनाने की बात कही है.
इस याचिका में एक न्यायिक समिति की नियुक्ति की मांग की गयी है जिसमें पूर्व न्यायाधीश, महान खिलाड़ी और अन्य शामिल हों. यह समिति देश में क्रिकेट के आयोजन के लिये कड़े कानून और दिशानिर्देश का सुझाव दे.
इसमें हाल में आईपीएल मैचों के दौरान स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण के संबंध में गिरफ्तार हुए क्रिकेटरों और अन्य की सुनवाई के लिये ‘फास्ट ट्रैक कोर्ट’ बनाने की मांग की गयी है.
उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को रखी है.