कोटला टेस्ट में भारतीय स्पिनरों ने अपने फिरकी के जादू से एक बार फिर कंगारुओं को पटखनी दी है और टीम इंडिया की पकड़ इस टेस्ट में मजबूत हो गई है. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 231 रनों के स्कोर पर 8 विकेट गंवा दिए.
हालांकि चायकाल के बाद ऑस्ट्रेलिया की पारी थोड़ी संभली दिखी और उसके एक मात्र बल्लेबाज स्टीवन स्मिथ ही आउट हुए. स्मिथ ने 46 रन बनाए और जडेजा का शिकार बने.
चार मैचों की श्रृंखला में क्लीन स्वीप से बचने की कवायद में लगे ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन चाय के विश्राम तक सात विकेट पर 153 रन बनाये. उसने लंच के बाद दो विकेट पर 94 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन दूसरे सत्र में केवल 59 रन जोड़कर पांच विकेट गंवाये.
भारत के लिये अश्विन ने 4 जबकि इशांत शर्मा और जडेजा ने दो-दो विकेट लिये. लंच के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने तीनों स्पिनरों के साथ मिलकर जाल बिछाया जिसे आस्ट्रेलियाई नहीं समझ पाये और उन्होंने 30 रन के अंदर पांच विकेट गंवा दिये.
प्रज्ञान ओझा जब दिल्ली गेट छोर से बल्लेबाजों पर दबाव बना रहे थे तब धोनी ने ओल्ड पवेलियन छोर पर अश्विन और जडेजा को लगातार बदलकर बल्लेबाजों को भ्रम में डाला. अश्विन ने पहले एड कोवान (38) के लिये जाल बिछाया. वह राउंड द विकेट आकर कोवान को लेग स्टंप की लाइन पर पिच करा रहे थे.
अचानक उन्होंने आखिरी गेंद ओवर द विकेट आकर करायी लेकिन लाइन नहीं बदली. कोवान स्वीप करने से चूक गये और गेंद टर्न लेकर उनकी गिल्लियां बिखेर गयी. इसके तुरंत बाद अश्विन की जगह जडेजा गेंद करने के लिये आ गये. उन्होंने कार्यवाहक कप्तान शेन वाटसन (17) को आगे आने के लिये ललचाया और फिर बड़ी खूबसूरती से गेंद उनके बल्ले और शरीर के करीब से निकालकर धोनी को आसान स्टंप आउट करने का मौका दे दिया. वाटसन की कप्तान के रूप में पहली पारी 63 मिनट तक ही चल पायी.
धोनी फिर एक ओवर के लिये अश्विन को याद किया जिन्होंने मैथ्यू वेड (2) को फारवर्ड शार्ट लेग पर मुरली विजय के हाथों कैच कराकर भारत को पांचवीं सफलता दिलायी. रीप्ले से हालांकि स्पष्ट नहीं हो रहा था कि गेंद बल्ले से लगी थी या नहीं लेकिन अंपायर अलीम डार की सोच अलग थी. बहरहाल धोनी ने ओल्ड पवेलियन छोर से बदलाव जारी रखे. अब जडेजा आ गये थे.
आईपीएल के नये ‘मिलियन डालर ब्वाय’ ग्लेन मैक्सवेल (10) ने ओझा पर छक्का और चौका जड़कर खाता खोला था लेकिन जडेजा की गेंद उनके बल्ले पर सही तरह से नहीं आयी और मिड आन पर आसान कैच में बदल गयी. अश्विन को अब ओझा की जगह दिल्ली गेट छोर से गेंद थमा दी गयी.
उन्होंने वहां से भी आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा ली और जल्द ही कैरम बाल मिशेल जानसन (3) के विकेटों में घुसा दी. जानसन ने गेंद छोड़ दी थी जो टर्न लेकर विकेट उखाड़ गयी. बल्लेबाज कुछ देर तक तो यही नहीं समझ पाया कि वह बोल्ड हुआ है या स्टंप आउट.
मेहमान टीम का पहला विकेट डेविड वार्नर के रूप में गिरा. वार्नर अपना खाता भी नहीं खोल सके और पारी के दूसरे ही ओवर में इशांत शर्मा ने उन्हें विराट कोहली के हाथों कैच करवा कर पवेलियन की राह दिखा दी.
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय किया है. चोट के कारण माइकल क्लार्क नहीं खेल रहे हैं जिनकी जगह शेन वाटसन कप्तानी कर रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया ने मैथ्यू वेड, मिशेल जानसन, जेम्स पेटिंसन और ग्लेन मैक्सवेल को टीम में शामिल किया है, जबकि ब्राड हाडिन, मिशेल स्टार्क, जेवियर डोहर्टी औ मोइजेस हेनरिक्स बाहर हैं. भारत के लिये अजिंक्य रहाणे पहला टेस्ट खेलेंगे.
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अगर टीम इंडिया दिल्ली में जीत दर्ज करती है तो टीम 81 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार कोई सीरीज 4-0 से जीतने में सफल होगी. निश्चित तौर पर यह उस टीम के लिए महान पल होगा, जो 27 वर्ष की औसत उम्र के साथ मिजाज से तो नौजवान है लेकिन खेल के लिहाज से परिपक्व होती दिख रही है.
अपने 65 साल के इतिहास में अनेकों कीर्तिमान का गवाह रहे कोटला को भी इस ऐतिहासिक पल का बेसब्री से इंतजार होगा. यह वही मैदान है, जहां सुनील गावस्कर ने सर डॉन ब्रैडमैन के 29 शतकों के कीर्तिमान की बराबरी की थी. यह वही मैदान है जहां अनिल कुम्बले ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच की एक पारी में सभी 10 विकेट लेकर ग्लेन टर्नर की महान उपलब्धि की बराबरी की थी.
मोहाली में टीम इंडिया ने लगाई जीत की हैट्रिक
अब यही मैदान अपने युवा बांकुरों को एक ऐसी सफलता हासिल करते हुए देखने को बेताब होगा, जिसे 81 साल के इतिहास में 250 से अधिक टेस्ट स्टार नहीं हासिल कर सके. भारत के क्वीन स्विप करने और एक इतिहास रचने की राह में कोटला की पिच भी सहायक हो सकती है. पिच पर घास नहीं है और इसके शुरुआती दो दिनों में बल्लेबाजों को और फिर स्पिनरों को मदद पहुंचाने की उम्मीद जताई गई है. चौथे और पांचवें दिन तो यह विदेशी बल्लेबाजों के लिए बेहद खतरनाक रूप ले लेती है.
पहले ही टेस्ट मैच में 'शिखर पर धवन'
ऐसे में भारत अपने तीनों स्पिन गेंदबाजों-रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा के साथ ही खेलना चाहेगा. इन तीनों ने मोहाली में आपस में विकेट बांटते हुए जीत दिलाई थी. तेज गेंदबाजी की कमान भुवनेश्वर कुमार और इशांत शर्मा पर ही रहेगी. मोहाली में अपने करियर के पहले ही मैच में रिकॉर्ड शतक लगाने वाले दिल्ली के हीरो शिखर धवन चोटिल हैं और उनके जगह अजिंक्य रहाणे को टेस्ट करियर के आगाज का मौका मिलने की पूरी सम्भावना है. वैसे तो कायदे से यह स्थान गौतम गम्भीर को मिल रहा था लेकिन पीलिया होने के कारण वह भी खेलने की स्थिति में नहीं हैं.
इस मैदान पर भारत बीते 26 साल से कोई टेस्ट नहीं हारा है. उसे अंतिम बार 1987 में वेस्टइंडीज ने पांच विकेट से हराया था. अब देखना यह है कि धोनी के युवा साथी इस रिकार्ड को बरकरार रखने के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराकर एक इतिहास कायम कर पाते हैं या नहीं.
दोनों टीमें इस प्रकार हैं:
ऑस्ट्रेलियाई टीम: एड कोवान, डेविड वॉर्नर, शेन वॉटसन (कप्तान), फिलिप ह्यूज, स्टीवन स्मिथ, मैथ्यू वेड,
ग्लेन मैक्सवेल, पीटर सिडल, मिशेल जॉनसन, नाथन ल्योन, जेम्स पैटिनसन.
भारतीय टीम: सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), इशांत शर्मा, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, भुवनेश्वर कुमार, आर. अश्विन, प्रज्ञान ओझा, रवींद्र जडेजा, अजिंक्य रहाणे.