राजस्थान के चुरु जिले के देवेंद्र झाझड़िया ने एक बार फिर से पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर भारत में ओलंपिक दो बार गोल्ड मेडल जितने का रिकॉर्ड बना दिया है. जयपुर से लेकर चुरु जिले के राजगढ़ गांव तक में खुशियां मनाई जा रही है. रियो डे जेनेरो में जैवलिन थ्रो के एफ 46 इवेंट में 63.97 मीटर जैवलिन फेंककर एथेंस ओलंपिक में 62.15 मीटर के 2004 के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए देवेंद्र ने गोल्ड मेडल जीता है.
राजस्थान सरकार ने पैरालंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले देवेंद्र झाझड़िया पर पुरस्कारों की झड़ी लगा दी. राजस्थान के खेलमंत्री ने देवेंद्र के लिए 75 लाख की नगद और जयपुर में रहने के लिए मकान देने की घोषणा की. साथ ही नहरी क्षेत्र में 25 बीघा जमीन देने का भी ऐलान किया. देवेंद्र के गांव राजगढ़ में भी खुशी में जुलूस निकाला गया.
परिवार में खुशी का माहौल
36 साल के देवेंद्र झाझड़िया का जैवलिन थ्रो में वर्ल्ड रैंकिंग तीसरा है. देवेंद्र के पास अब कुल 4 ओलंपिक मेडल हो गए हैं जिसमें से दो गोल्ड, एक सिल्वर और एक कांस्य है. देवेंद्र के गांव राजगढ़ में जहां खुशियों का माहौल है वहीं पत्नी मंजू और बेटी जीया रातभर भगवान से देवेंद्र की गोल्ड मेडल जीतने के लिए प्रार्थना करती रहीं. मंजू का कहना है कि एक हाथ खराब होने के बावजूद वो मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं और थ्रो से पहले फोन पर बात की और कहा कि मैं ही गोल्ड जीतूंगा. 6 साल की बेटी जीया का कहना है कि पापा ने मेडल जीता है वापस आने पर मिठाई खिलाउंगी. पैरालंपिक से पहले देवेंद्र प्रैक्टिस के लिए फिनलैंड गए थे और वहां से वापस लौटकर गुजरात के गांधीनगर में प्रैक्टिस कर रहे थे.
अनुशासन ने दिलाया गोल्ड
देवेंद्र ने भारत के ही रिंकू सिंह हुड्डा को हराया जो अपना बेस्ट 54.39 मीटर दे पाए, जबकि राजस्थान के कीं सुंदर सिंह गुर्जर जो लगातार चैंपियन चल रहे थे और हाल के दिनों में सबसे ज्यादा दूरी के जैवलिन फेंक रहे थे वो समय पर इंवेंट नहीं पहुंच पाने की वजह से डिसक्वालिफाई हो गए. ओलंपिक अनुशासन के लिए जाना जाता है और देवेंद्र ने अनुशासन के बल पर दोबारा गोल्ड जीता.