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दक्षिण अफ्रीका दौरे के 'सेटबैक' के बाद सुधारा अपना खेलः शिखर धवन

टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन की माने तो दक्षिण अफ्रीका दौरा उनके लिए सेटबैक जैसा था, जिसके बाद उन्होंने अपने शॉट सेलेक्शन पर ध्यान देकर बल्लेबाजी सुधारी.

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केनरा बैंक के ब्रैंड एंबेसडर बने शिखर धवन
केनरा बैंक के ब्रैंड एंबेसडर बने शिखर धवन

केनरा बैंक ने शिखर धवन को अपना ब्रैंड एंबेसडर नियुक्त किया है. केनरा बैंक के प्रबंध निदेशक आरके चौधरी ने कहा, 'केनरा बैंक और धवन में कई समानताएं हैं. धवन का रेकॉर्ड शानदार है और वह खेल में निरंतर प्रयोग करते रहते हैं. वह अपनी बल्लेबाजी से नए मानक स्थापित करते हैं. वह आज के युवा के सपनों और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं.'

सेटबैक था अफ्रीकी दौरा
क्रिकइंफो वेबसाइट को दिए गए अपने इंटरव्यू में टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने कहा कि अफ्रीका दौरा उनके लिए 'सेटबैक' जैसा था, जिसके बाद उन्होंने अपने शॉट सेलेक्शन पर ध्यान देकर बल्लेबाजी सुधारी. दक्षिण अफ्रीका में खेली गई 4 टेस्ट पारियों में उन्होंने महज 76 रन बनाए थे जबकि 29 उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर था. वहीं न्यूजीलैंड के दौरे पर उन्होंने वापसी करते हुए 4 पारियों में 215 रन बनाए और एक बार शतक के करीब 98 रनों तक भी पहुंचे.

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खुद के खेल को किया एनालाइज
शिखर धवन ने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका में मैंने ज्यादा रन नहीं बनाए थे. मैंने इस दौरे पर एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर अपने खेल को एनालाइज किया. मैंने देखा कि पारी की शुरुआत में मुझे कौन से शॉट खेलने चाहिए थे और कौन से शॉट नहीं खेलने चाहिए थे.'

धवन ने कहा, 'शुरुआत में बाउंसर गेंदों को छोड़ना चाहिए था और न्यूजीलैंड दौरे से पहले मैं इसको अपनी प्रैक्टिस में लेकर आया. इसी वजह से मैंने न्यूजीलैंड में अच्छे रन बनाए.' साल भर पहले ही धवन ने टीम इंडिया में शानदार कमबैक करते हुए डेब्यू टेस्ट सेंचुरी ठोकी थी. इसके बाद धवन ने इस शानदार फॉर्म को बरकरार रखते हुए 7 इंटरनेशनल सेंचुरी जड़ीं.

जल्दी बीत गया ये 'एक साल...'
धवन ने कहा, 'एक साल बीत गया और ये काफी जल्दी निकल गया. अच्छा समय अक्सर जल्द ही उड़ सा जाता है. मैंने टीम इंडिया के साथ अपनी सालगिरह का जश्न मनाया. हम कई सीरीज जीते और कुछ खराब दौरे भी देखे. लेकिन ये ऐसे ही चलता रहता है. मुझे खुशी है कि मैंने टीम इंडिया के लिए कुछ शानदार पारियां खेलीं. मैं ऐसा करते रहना चाहता हूं.'

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मुझे लगा था कभी खत्म नहीं होगी 'रेस'
दिल्ली के लिए खेलने वाले धवन ने कहा, 'मैंने डोमेस्टिक क्रिकेट में 7 सेंचुरी लगाई, उसके बाद मुझे टेस्ट टीम में खेलने का मौका मिला. जब टीम इंडिया के लिए गौतम भाई (गंभीर) और वीरू भाई (सहवाग) खेल रहे थे तब मैं रणजी खेलता था. मुझे लगता था ये दौड़ कभी खत्म नहीं होगी. मुझे बस अपने खेल पर ध्यान देते रहना चाहिए और फिर मेरा समय भी आएगा. फिर भगवान की कृपा से मुझे टीम इंडिया से बुलावा आया. मैंने बस अपने खेल पर ध्यान दिया और भविष्य में भी यही करता रहूंगा.

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