इंग्लैंड के हाथों टेस्ट सीरीज में 1-2 की शर्मनाक हार के बाद आलोचकों के निशाने पर रहे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अलग प्रारूप के लिये अलग कप्तान नियुक्त करने संबंधी चर्चा पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
धोनी से जब इस संबंध में चल रही चर्चा के बारे में पूछा तो उनका सीधा जवाब था, ‘आपका सवाल मुझे लगता है कि अलग प्रारूप के लिये अलग कप्तान से जुड़ा है लेकिन अभी टी-20 प्रारूप की बात करें क्योंकि हमें कल टी-20 मैच खेलना है.’
धोनी इस मसले से पल्ला झाड़ना चाहते थे और इसका सबूत फिर से तब मिला जब उन्होंने ब्रिटिश पत्रकार को भी इसी तरह से कड़े अंदाज में जवाब दिया. भारतीय कप्तान ने कहा, ‘इस महत्वपूर्ण सीरीज के शुरू होने से पहले मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता था. क्योंकि जब भारतीय क्रिकेट की बात होती है, यदि सब कुछ अनुकूल नहीं हुआ तो कप्तानी, सीनियर खिलाड़ियों, जूनियर खिलाड़ियों और हमारे पास मौजूद कौशल और बेंच स्ट्रेंथ को लेकर सवाल उठने शुरू हो जाते हैं. कई तरह के सवाल खड़े कर दिये जाते हैं और यदि आप सभी का जवाब देने लगो तो मुझे लगता है कि हमारे पास समय की कमी पड़ जाएगी.’
धोनी ने भारत की असफलता से जुड़े कड़े सवालों से भी बचने की कोशिश की. उन्होंने कहा, ‘मेरा हमेशा से यही कहना रहा है कि जो हो गया उस पर बात करने का कोई मतलब नहीं बनता. चाहे हम जीते हों या हमें हार मिली हो. वर्तमान के बारे में सोचना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है तथा आगामी प्रारूप बहुत अलग है. उस पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है.’
धोनी ने कहा, ‘यह पूरी तरह से अलग तरह का प्रारूप है इसलिए मुझे नहीं लगता कि टेस्ट सीरीज से कुछ लेकर आगे बढ़ने का कोई मतलब होगा. यह पूरी तरह से अलग तरह का प्रारूप है.’
भारतीय कप्तान ने हालांकि कहा कि हार के बावजूद टेस्ट सीरीज में उनके कुछ सकारात्मक पक्ष भी रहे. उन्होंने कहा, ‘यह निराशाजनक रहा कि हम सीरीज नहीं जीत पाये और लंबे अर्से बाद हम ऐसा नहीं कर पाये. लेकिन (नागपुर में खेले गये) आखिरी टेस्ट मैच में हमने अच्छा प्रदर्शन किया. विकेट काफी सपाट था. (सीरीज के) फिर भी कुछ सकारात्मक पहलू रहे.’
धोनी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि चेतेश्वर पुजारा हमारा भविष्य है. उन्होंने और विराट कोहली ने अच्छा प्रदर्शन किया. आपने देखा होगा कि गेंदबाजों विशेषकर स्पिनरों ने अच्छा प्रदर्शन किया जबकि उन्हें विकेट से बहुत अधिक मदद नहीं मिल रही थी.’
धोनी ने कहा कि नागपुर में ड्रा छूटे मैच के बाद सीनियर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने भविष्य को लेकर कोई संकेत नहीं दिये. उन्होंने कहा, ‘नहीं ऐसा कुछ नहीं है.’ भारतीय कप्तान ने कहा कि टेस्ट से टी-20 के प्रारूप में जल्द से जल्द सामंजस्य बिठाना मुश्किल होता है लेकिन पेशेवर खिलाड़ियों से ऐसी उम्मीद की जाती है.
उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट टी-20 से पूरी तरह से भिन्न होता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर होने के नाते हमें खेल की मांग के अनुरूप चलना पड़ता है. एक और अभ्यास सत्र से मदद मिलती लेकिन हमें अभ्यास के लिये केवल एक दिन मिला. इसलिए हमने इसका अधिक से अधिक फायदा उठाने की कोशिश की.’
धोनी ने कहा कि ओस भी भूमिका निभाएगी जिससे स्पिनरों का प्रभाव कम हो जाता है. उन्होंने कहा, ‘प्रारूप कोई भी हो इंग्लैंड की टीम संतुलित है. वर्ष के इस समय में परिस्थितियां थोड़ी भिन्न होती हैं. इस समय ओस पड़ती है जिसका मतलब है कि स्पिनर अधिक प्रभाव नहीं छोड़ पाएंगे लेकिन ये सब कयास हैं.’