पाकिस्तान के खिलाफ क्लीनस्वीप बचाकर राहत महसूस कर रहे भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने लगातार तीसरे मैच में बल्लेबाजों के फ्लाप शो के बावजूद 10 रन की जीत का श्रेय पूरी टीम को दिया.
भारतीय बल्लेबाज श्रृंखला में लगातार दूसरी बार विफल रहे जिससे टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी करते हुए 43.4 ओवर में सिर्फ 167 रन पर ढेर हो गई लेकिन गेंदबाजों ने टीम को वापसी दिलाते हुए पाकिस्तान को 48.5 ओवर में 157 रन पर समेटकर मेजबान टीम को श्रृंखला की पहली जीत दिलाई. पाकिस्तान हालांकि श्रृंखला 2-1 से अपने नाम करने में सफल रहा.
धोनी ने पाकिस्तान पर 10 रन की जीत दर्ज करने के बाद कहा, ‘कुल मिलाकर यह मैच अच्छा रहा. पहले दो मैचों में हार के कारण इस मैच में जीत से काफी अधिक खुशी होगी. जीत की खुशी हमेशा अच्छी होती है. यह पूरी टीम के प्रयास से मिली लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि हम श्रृंखला पहले ही हार चुके थे.’ इस छोटे स्कोर की रक्षा में गेंदबाजों के अलावा भारतीय क्षेत्ररक्षकों की भूमिका काफी अहम रही जिनकी तारीफों के पुल बांधते हुए धोनी ने कहा, ‘तेज गेंदबाजों ने हमें अच्छी शुरुआत दिलाई. भुवनेश्वर ने दो विकेट लिए जिसके बाद बाकी दो तेज गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया. स्पिनरों ने इसके बाद दबाए बनाए रखा जो लगातार बढ़ता रहा. लेकिन इस मैच में अहम भूमिका क्षेत्ररक्षकों की रही. हमने अपने क्षेत्ररक्षण से 20 से 22 रन बचाए जो कम स्कोर वाले मैच में अहम होते हैं. हमने एक कैच छोड़ा लेकिन ऐसा हो जाता है.’ भारत ने खराब फार्म से जूझ रहे सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की जगह अजिंक्य रहाणे को उतारा लेकिन टीम एक बार फिर अच्छी शुरूआत हासिल करने में विफल रही. धोनी ने हालांकि बल्लेबाजों का बचाव किया
धोनी ने कहा, ‘मैं बल्लेबाजों के बचाव में सिर्फ इतना बोल सकता हूं कि आज हमने इतने रन बनाए जितने जरूरी थे. हमें इससे अधिक स्कोर बनाना चाहिए था. शुरूआत में विकेट गंवाने के बाद हमने बीच के ओवरों में भी काफी विकेट गंवाए. हम 220 से 225 रन बना सकते थे.’ उन्होंने कहा, ‘हमारी टीम सलामी बल्लेबाजों पर काफी निर्भर करती है इसलिए अच्छी शुरूआत काफी जरूरी है. हालांकि जिस मौसम में मैच हो रहे हैं उसमें तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है और पाकिस्तान का गेंदबाजी आक्रमण काफी अच्छा है.’
भारतीय कप्तान से जब यह पूछा गया कि क्या 167 रन का स्कोर काफी था तो उन्होंने कहा, ‘हमें पता था कि 168 के आसपास रन काफी नहीं होने वाले. हमने फैसला किया कि हम स्कोरबोर्ड की तरफ नहीं देखेंगे जिससे मदद मिली. गेंदबाजों ने काफी अनुशासित गेंदबाजी की. ऐसे समय में तेज गेंदबाज काफी प्रयोग करने की कोशिश करते हैं और शार्ट गेंद फेंकते हैं लेकिन आज उन्होंने एक जगह पर गेंदबाजी की.’ सहवाग को इस मैच में नहीं खिलाने पर धोनी ने कहा कि यह बदलाव अंतिम लम्हों पर किया गया. उन्होंने कहा, ‘अंतिम एकादश में यह बदलाव अंतिम लम्हों में किया गया. कभी कभी कुछ चीजें आपके हाथ में नहीं होती.’ धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला से पूर्व इस मैच में मिली जीत को अहम बताया.
उन्होंने कहा, ‘इस तरह की जीत काफी अहम होती है. इससे लय बनाने में मदद मिलती है. जब लोग आपको नकार देते हैं तब इस तरह की जीत से प्रेरणा मिलती है.'