टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर कि बीसीसीआई से शिकायत की है. धोनी ने कहा है कि टीम के हित की अनदेखी कर रहे हैं गौतम गंभीर.
टीम के एक सदस्य ने अपनी गोपनीयता बरकरार रखने की शर्त पर बताया है कि धोनी को लगता है कि गंभीर टीम से ऊपर अपनी बातों को रखते हैं और इसकी वजह से वो स्वकेंद्रित हो गए हैं. इसलिए धोनी ने उनके खिलाफ बीसीसीआई को शिकायत की है कि गंभीर अपने स्वार्थ के चलते टीम के लिए घातक हो गए हैं.
धोनी ने शिकायत की है कि, ‘गंभीर टीम में अपनी जगह बचाने पर जुटे हैं. लगातार बुरे फॉर्म में चल रहे गंभीर टीम के हित को अनदेखा कर रहे हैं और अपने स्वार्थ को तरजीह दे रहे हैं.
धोनी इस बात से सबसे ज्यादा खफा हैं कि मुंबई टेस्ट की दूसरी पारी में गंभीर नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े होकर पुछल्ले बल्लेबाजों को आउट होते देखते रहे और खुद अंत तक नाबाद रहे, जबकि उन्हें पुछल्ले बल्लेबाजों की मदद से अधिक से अधिक रन जोड़ना चाहिए था.
धोनी ने कहा, ‘किसी टर्न लेती पिच पर ओवर की पहली या दूसरी गेंद पर आप सिंगल ले लेते हैं और ग्रीम स्वान और मॉन्टी पनेसर जैसे बॉलरों के आगे अपने पुछल्ले बल्लेबाजों को छोड़ देते हैं, इसकी पीछे क्या मंशा हो सकती है. टीम इंडिया को उस वक्त अपने टोटल को बढ़ाने की जरूरत थी जिससे गेंदबाजों को कुछ मौका और मिलता. यहां प्रत्येक रन महत्वपूर्ण था लेकिन गंभीर ने टीम में योगदान देने की जगह दर्शक बनकर दूसरी छोर पर खड़ा रहना मुनासिब समझा. टीम में योगदान देने जैसा यहां कुछ भी नहीं था.’
कैप्टन कूल ने कहा, ‘यहां मैं कहना चाहूंगा कि अश्विन ने कोलकाता टेस्ट में बहुत ही जिम्मेदारी से बल्लेबाजी की और टीम के लिए आउट हुए बिना 91 रन बनाये जबकि वो स्पेशलिस्ट बल्लेबाज नहीं हैं. उन्होंने पुछल्ले बल्लेबाजों का नेतृत्व करते हुए महत्वपूर्ण रन जोड़े और हमें पारी की हार से उबार ले गए. अगर अश्विन ऐसा कर सकते हैं तो गंभीर क्यों नहीं?’
कोलकाता टेस्ट की पहली पारी में वीरेंद्र सहवाग का रन आउट होना और दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा का रन आउट होने, जिसकी वजह से टीम बड़ा टोटल नहीं खड़ा कर सकी, की वजह से धोनी खासे नाराज नजर आए और फिर गंभीर का ये गैर-जिम्मेदाराना प्रयास.
धोनी ने कहा, ‘इन दोनों ही रन आउट में जो दोषी था वो गंभीर हैं. सहवाग के मामले में तीन रन दिख रहे थे लेकिन गंभीर ने मना कर दिया. जबकि पुजारा के मामले में एक रन के लिए गंभीर का पुकार लगाना गलत निर्णय था.
कप्तान धोनी ने कहा, ‘फिन के खिलाफ गंभीर अच्छा नहीं खेल पा रहे थे तो उन्होंने नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े रहने का सोचा और एक रन के लिए भागे और पुजारा को आउट होना पड़ा. मैं मानता हूं कि गंभीर ने ऐसा जानबूझकर कुछ नहीं किया. मैं उनकी निष्ठा पर प्रश्न नहीं उठा रहा हूं. उन्होंने ऐसा केवल अपने बुरे फॉर्म से उबरने के लिए किया. लेकिन उन्होंने अपने फॉर्म को वापस लाने के लिए टीम हित को दांव पर लगाया है.’
इस सूत्र ने कहा, ‘हालांकि गंभीर और धोनी के आपस में अच्छे संबंध हैं. गंभीर ने इस सीरीज में अर्धशतक जमाया है और पुराने फॉर्म में लौटते दिख रहे हैं. अगर वो अपने दिमाग में बैठे मकड़जाल को हटाने में सफल हो जाते हैं तो वो एक खतरनाक प्रतिद्वंद्वी साबित होंगे. उन्हें टीम का समर्थन प्राप्त है. अगले मैच से पहले बीसीसीआई के एक अधिकारी इस मसले पर उनसे बात करेंगे और यह मसला सुलझ जाएगा. यह जरूरी है कि सभी टीम मेंबर अगले मैच पर फोकस करें और अच्छा से अच्छा योगदान देने की कोशिश करें.’
इस दौरान गंभीर से जुड़े एक करीबी ने बताया, ‘यह सच है कि इस सलामी बल्लेबाज ने इस सीरीज में अपनी योग्यता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया है लेकिन धोनी की खुद की कप्तानी खतरे में पड़ी है तो वो गंभीर को कमजोर साबित करने का हथकंडा अपना रहे हैं. उन्हें लगभग सभी ने लगातार हार का आरोपी साबित कर दिया है. यहां तक कि टीम में उनकी जगह भी सुरक्षित नहीं है. अगर उन्होंने ऐसा किया है तो यह उनका रक्षात्मक और बनावटी चेहरा ही उजागर करता है. ऐसे में वो सभी पर आरोप मढ़ रहे हैं, चाहे वो गंभीर हों या सहवाग या फिर बल्लेबाज या गेंदबाज. मोहिंदर अमरनाथ ने तो यहां तक कहा है कि धोनी से कप्तानी लेकर गंभीर को दी जानी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘धोनी को लगता है कि वो सबकुछ अपने अनुरूप बना लेंगे. आपने देखा ईडेन की पिच को लेकर उन्होंने कैसा बखेरा खड़ा किया?
यह सभी देख रहे हैं कि गंभीर कैसा खेल रहे हैं और अब इस ललकार के बाद वो क्या करेंगे यह तो नागपुर टेस्ट से ही पता चल जाएगा. टीम इंडिया अपने सबसे बुरे दौर में से एक से गुजर रही है. अंतिम 16 टेस्ट में से यह टीम 10 टेस्ट हार चुकी है और वर्तमान सीरीज में भी 2-1 से पीछे है.
ऐसे में आरोप प्रत्यारोप का यह नया दौर कही टीम इंडिया को ले ना डूबे और 27 साल बाद इंग्लैंड की टीम भारत में टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब ना हो जाए. तो वक्त है सभी खिलाड़ियों का आपसी कटुता को कम कर एकजुट हो खेलने का.
हालांकि इस बीच यह खबर भी आई है कि महेंद्र सिंह धोनी ने गंभीर को लेकर बीसीसीआई को किए गए शिकायत का खंडन किया है और खबर को ही गलत करार दिया है.