भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की कमाई में जबर्दस्त इज़ाफा होने जा रहा है. बैट तथा स्पोर्ट्स के सामान बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई कंपनी स्पार्टन स्पोर्ट्स से हुए एक करार के मुताबिक वह उससे स्पांसरशिप के बदले 18 से 20 करोड़ रुपए तक ले सकेंगे.
आर्थिक समाचार पत्र द इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक धोनी ने इस कंपनी के खेल के सामान का धोनी ने इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इस करार के तहत धोनी ने जो समझौता किया है उससे उन्हें हर साल 18 से 20 करोड़ रुपए तक मिलेंगे. एक जानकार के अनुसार इसमें रॉयल्टी तो शामिल है ही, कंपनी की हिस्सेदारी भी है.
बैट के लिए पहले धोनी का करार रीबॉक से था जो अब खत्म हो गया है. ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद यह करार खत्म हो गया था और धोनी ने नया करार कर लिया. वेस्ट इंडीज के खिलाफ धोनी ने स्पार्टन का बैट इस्तेमाल किया था. रीबॉक के बैट के इस्तेमाल के लिए धोनी को हर साल तकरीबन 6 करोड़ रुपए मिलते थे.
रीबॉक से धोनी का बैट के लिए करार खत्म हो जाने के बावजूद उसके सामानों के लिए समझौता बरकरार है और उसके स्पोर्ट्स शूज वगैरह वह इस्तेमाल करते रह रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि रीबॉक बैट नहीं बनाती है और दूसरी कंपनियों से खरीदकर उन पर अपनी ठप्पा लगाती है.
सचिन तेंदुलकर का भी बैट के लिए तगड़ा करार था. उन्होंने एमआरएफ से प्रति वर्ष 4 करोड़ रुपए का करार कर रखा था. एमआरएफ भी बैट नहीं बनाती है. इसी तरह विराट कोहली ने एमआरएफ से एक करार किया था जो 6.5 करोड़ रुपए का है.
धोनी के विज्ञापन वगैरह मैनेज करने वाली कंपनी रीति स्पोर्ट्स के मालिक अरुण पांडेय के मुताबिक हम लोगों ने अब टकड़े-टुकड़े में स्पांसरशिप लेना शुरू किया है. इससे हमें ज्यादा राशि मिलती है.
धोनी ने एमिटी यूनिवर्सिटी से भी स्पॉंसरशिप के लिए करार किया है जिसके तहत उन्हें प्रति वर्ष 6 करोड़ रुपए मिलेंगे.