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केजरीवाल से बोली कांस्य विजेता- पहले मदद देते तो गोल्ड जीतती

18वें एशियन गेम्स में पहलवान दिव्या काकरान ने 68 किलोग्राम भारवर्ग फ्री स्टाइल स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया है. दिव्या ने अपने पहले ही एशियाई खेलों में पदक जीता.

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दिव्या काकरान
दिव्या काकरान

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एशियाई खेलों में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित करने का सिलसिला जारी है. वहीं, स्वदेश लौटे पदक विजेताओं की कई शिकायतें भी सामने आई हैं. मंगलवार को महिला पहलवान दिव्या काकरान ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर पर्याप्त सुविधा नहीं मिलने पर अपनी नाराजगी जताई.

एशियन गेम्स की महिला कुश्ती की कांस्य पदक विजेता दिव्या ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से कहा कि अगर उन्हें सरकारी सुविधा मिली होती, तो वो गोल्ड मेडल जीतकर लौट सकती थीं. दिव्या के साथ-साथ दिल्ली के उन खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया था, जो इंडोनेशिया से मेडल जीतकर लौटे हैं.

सम्मान समारोह दौरान काकरान ने सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी. उन्होंने कहा कि जब वो एशियन चैंपियनशिप से वापस लौटीं, तो सरकार से चिट्ठी लिखकर मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्हें किसी भी तरह की सहायता मुहैया नहीं कराई गई.

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दिव्या ने कहा कि उनके कोच ने अपनी नौकरी छोड़कर खुद के पैसों से उनके लिए बादाम का इंतजाम तक किया. उन्होंने कहा, 'ऐसे सम्मान का क्या फायदा. खिलाड़ियों को मदद की जरूरत मेडल जीतने के बाद नहीं, बल्कि पहले होती हो और तब कोई कुछ नहीं करता है.'

इस दौरान तीरंदाज अभिषेक वर्मा ने भी सरकार की नौकरी देने की पॉलिसी पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को दिल्ली सरकार न तो नौकरी देती है, और न ही कोई और सहूलियत.

अभिषेक ने हरियाणा सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली की तुलना में वहां खिलाड़ियों को कई गुना इनामी राशि और बेहतर नौकरी दी जाती है. जबकि दिल्ली सरकार के पास ऐसे खिलाड़ियों को नौकरी देने के लिए कोई नीति ही नहीं है.

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने खिलाड़ियों को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार जल्दी ही ऐसे खिलाड़ियों के लिए एक पॉलिसी लाएगी.

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