इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-1 की करारी हार के बाद आलोचनाओं में घिरे टीम इंडिया के कोच डंकन फ्लेचर के भाग्य का फैसला रवि शास्त्री की रिपोर्ट के आधार पर होगा. इंग्लैंड दौरे के बीच में ही टेस्ट सीरीज में करारी हार के बाद बीसीसीआई ने रवि शास्त्री को निदेशक बनाया था. बोर्ड से जुड़े सूत्र ने रविवार को इसकी जानकारी दी.
फ्लेचर को अप्रैल 2011 में टीम इंडिया के वनडे क्रिकेट में वर्ल्ड कप जीतने के बाद कोच नियुक्त किया गया था. भारत को इंग्लैंड से टेस्ट सीरीज में मिली 1-3 की करारी शिकस्त के बाद से फ्लेचर कड़ी आलोचनाओं में घिर गए थे. ऐसी भी अटकलें लगायी जा रही थीं कि बीसीसीआई उन्हें बाहर का रास्ता दिखा सकता है, हालांकि उनका कॉन्ट्रेक्ट अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप के बाद समाप्त होगा.
रविवार को चेन्नई में बीसीसीआई की अनौपचारिक बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने कहा कि बोर्ड फ्लेचर के भाग्य पर फैसला शास्त्री की रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही लिया जाएगा. सूत्र ने कहा, ‘फ्लेचर के भाग्य पर फैसला रवि शास्त्री की रिपोर्ट के आधार पर ही किया जाएगा, जो 26 सितंबर को होने वाली बोर्ड की कार्यकारिणी समिति की बैठक में रखी जाएगी.’
सूत्र ने कहा, ‘आज सभी सदस्यों ने चर्चा की कि मीडिया की आलोचनाओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए. जिस मीडिया ने टेस्ट के बाद धोनी की आलोचना की थी, उनकी वनडे सीरीज जीत के बाद प्रशंसा की गई.’ भारत के पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 1-3 से गंवाने के बाद शास्त्री को टीम निदेशक नियुक्त किया गया. शास्त्री के मार्गदर्शन में भारत ने इसके बाद हुई पांच मैचों की वनडे सीरीज 3-1 से अपने नाम कर ली, जिसमें पहला मैच एक भी गेंद फेंके बिना रद्द हो गया था.
फ्लेचर से अप्रैल 2011 में दो साल का कॉन्ट्रेक्ट किया था और फिर मार्च 2013 में उनका करार एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था. इस साल मार्च में बीसीसीआई ने उनका कॉन्ट्रेक्ट ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में मार्च में होने वाले 2015 विश्व कप के अंत तक कर दिया था.