प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गुरुवार को पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का बयान दर्ज किया.
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘श्रीनिवासन आज हमारे सामने पेश हुए और हमने करीब तीन घंटे तक उनका बयान रिकॉर्ड किया.’ मामला आईपीएल के 425 करोड़ रुपये के टीवी प्रसारण अधिकार के लिए 2008 में वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप (डब्ल्यूएसजी) और मल्टीस्क्रीन मीडिया (एमएसएम) के बीच हुए सौदे से जुड़ा है.
2010 में दर्ज हुई थी FIR
बीसीसीआई ने 2010 में आईपीसी के कई प्रावधानों के तहत चेन्नई में एक एफआईआर दर्ज कराई थी, वहीं दो साल बाद ईडी ने मामले में मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशक एक्ट के तहत मामल दर्ज किया.
अधिकारी ने कहा, ‘हमने श्रीनिवासन का बयान दर्ज किया क्योंकि उन्होंने बीसीसीआई की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.’ बीसीसीआई ने साल 2008 में डब्ल्यूएसजी को 91.8 करोड़ डॉलर में 10 साल के लिए मीडिया अधिकार दिए थे. उसी साल डब्ल्यूएसजी ने सोनी को आधिकारिक प्रसारणकर्ता बनाने के लिए एमएसएम से करार किया.
'मोदी को नहीं था प्रसारण अधिकार पर साइन करने का हक'
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, श्रीनिवासन ने ईडी से कहा कि वह ललित मोदी के खिलाफ जांच में सहयोग करने को तैयार हैं. उन्होंने दावा किया कि 23 मार्च 2009 को ललित मोदी ने प्रसारण अधिकार के बारे में मीडिया को गलत जानकारी दी थी. वह प्रसारण अधिकार पर दस्तखत करने के लिए अधिकृत ही नहीं थे, फिर भी उन्होंने दस्तखत किए.
मामले में अब तक श्रीनिवासन समेत चार लोगों से पूछताछ हो चुकी है. अगले हफ्ते गोल्डन विंग्स लिमिटेड के डायरेक्टर को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.