सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा प्लेइंग इट माइ वे का विमोचन हो गया है. आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में सचिन ने चैपल विवाद से लेकर 2011 में वर्ल्ड चैंपियन बनने तक और क्रिकेट के मैदान से लेकर निजी जिंदगी के बारे में बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखी. सचिन ने एक पूर्व कोच को बताया ‘रिंगमास्टर’
सवाल- 2011 वर्ल्ड कप जीत के बारे में बताएं.
सचिन तेंदुलकर- वर्ल्ड कप जीतना, मेरे करियर का सबसे खुशी का पल था. जब हम होटल पहुंचे तब हमारे फ्लोर पर सारे कमरों के रूम खुले थे. हर जगह शैंपेन, तेज म्यूजिक. मैंने और अंजलि ने भी शैंपेन पी और साथ में नाचे भी. इसके बाद भी पार्टी जारी रही. फिर हम ऊपर वाले फ्लोर पर गए. वहां पर हरभजन, विराट कोहली और युवराज सिंह ने मेरे लिए 'तुझमें रब दिखता है..' गाना गाया. मैं बहुत असहज हो गया. मैंने उनसे कहा, क्या कर रहे हो यार. मुझे शर्म आ रही है. तो उन्होंने कहा कि पाजी गाने दो, आज मौका मिला है. मैं शर्मा रहा था. यह मेरे लिए अनोखा पल था. जब घर पहुंचा तो मेरी मां वहां मेरे लिए मौजूद थीं. तब मुझे एहसास हुआ कि मैंने कुछ बड़ा हासिल किया है. मेरी मां ने मुझे टीका लगाया और मुझे मिठाई खिलाई. यह अद्भुत था.
सवाल- ग्रेग चैपल विवाद पर क्या कहेंगे?
सचिन तेंदुलकर- मुझे शुरू से लगता था कि ग्रेग चैपल कोच पद के लिए सही शख्स नहीं थे. वे भारतीय क्रिकेट को पीछे लगे गए. जब जॉन राइट गए तब हम बेहतर स्थिति में थे. चैपल के रहते टीम पीछे चली गई. उनके कोच रहते ड्रेसिंग रूम का माहौल बेहद खराब रहा. हम क्रिकेट को एन्जॉय नहीं कर रहे थे, निजी तौर पर मैं. एक-दो खिलाड़ियों को छोड़कर टीम का हर शख्स यही कहेगा कि टीम का माहौल नकारात्मक था.
सवाल- क्या चैपल ने आपको वर्ल्ड कप से ठीक पहले कप्तानी ऑफर की थी?
सचिन तेंदुलकर- कई लोगों के लिए इस पर विश्वास कर पाना आसान नहीं होगा. पर यही सही है. मुझे कप्तानी ऑफर की गई. मैंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कर सकता. टीम राहुल द्रविड़ की कप्तानी में तैयार हो रही थी. मैं भी चाहता था कि राहुल ही नेतृत्व करें. यह वर्ल्ड कप 2007 से कुछ महीने पहले की बात है. पर मैंने इस ऑफर को ठुकरा दिया. शायद ग्रेग चैपल को यह बात पसंद नहीं आई.
सवाल- मुल्तान टेस्ट में राहुल द्रविड़ के पारी घोषित करने के फैसले के बारे में क्या कहेंगे?
सचिन तेंदुलकर- टीम में मतभेद होते हैं, चाहे ड्रेसिंग रूम हो या टीम मीटिंग. ये सब बंद कमरे में होता है. लेकिन यह मतभेद सार्वजनिक हो गया. मुझे जो लगा मैंने राहुल से कह दिया. हम लोग इसे भूलकर आगे बढ़ गए. मुझे बहुत खुशी है कि उसके बाद हमदोनों ने देश के लिए कई मैच जिताऊ पार्टनरशिप की. हम आज भी अच्छे दोस्त हैं.
सवाल- आपने अंजलि के लिए 40 मिनट तक इंतजार किया था?
सचिन तेंदुलकर- उस वक्त अंजलि और मेरी शादी नहीं हुई थी. हमारे परिवार वाले एक-दूसरे के बारे में नहीं जानते थे. उस वक्त मोबाइल भी नहीं था इसलिए हमें मिलने के लिए पहले वक्त तय करना पड़ता था. मैं अंजलि से मिलने गया पर वह नहीं आ सकी. मैं पब्लिक बूथ से फोन नहीं कर सकता था. इसलिए आधे घंटे ड्राइव कर फोन करने के लिए घर लौटा. फिर अंजलि को अगले 40 मिनट में मिलने को कहा. हम मिले और एक-दूसरे के साथ कुछ पल बिताया.
सवाल- अंजलि ने शादी के बारे में आपके परिवार वालों से बात की थी?
सचिन तेंदुलकर- हां, यह सही है. मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं अपने परिवारवालों से शादी के बारे में बताऊं. मैंने अंजलि से कहा कि अगर तुम्हें लगता है तो मेरे परिवारवाले से बात कर लो. अगर तुम कल शादी करना चाहती हो तो मैं तैयार हूं. पर मुझे नहीं पता कि मैं अपनी शादी की बात घरवालों से कर सकूंगा. इतनी हिम्मत नहीं मुझमें.