दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर जाक कैलिस का मानना है कि विश्वकप जैसी बड़ी प्रतियोगिता में कोई प्रबल दावेदार नहीं होता और अपेक्षा का भारी दबाव मौजूदा टूर्नामेंट में भारत के घरेलू परिस्थितियों में खेलने के फायदे को खत्म कर देगा.
कैलिस ने कहा कि विश्वकप में कोई टीम विरोधी को हल्के में नहीं ले सकती और जो टीम मुश्किल लम्हों में दबाव से बेहतर तरीके से निपटेगी वह यह प्रतिष्ठित ट्राफी जीतने में सफल रहेगी.
इस 35 वर्षीय आलराउंडर ने फिरोजशाह कोटला पर अपनी टीम के अभ्यास सत्र के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि फिलहाल कोई टीम प्रबल दावेदार के रूप में शुरूआत कर रही है. काफी लोग भारत के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन हमें पता है कि घरेलू सरजमीं पर दबाव में खेलना कितना मुश्किल होता है. यह संभवत: घरेलू सरजमीं पर खेलने के उनके फायदे को खत्म कर देगा.’
उन्होंने कहा, ‘अंतत: यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप ग्रुप चरण में कैसा खेलते हैं और क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल, फाइनल में पहुंचने के बाद कुछ भी हो सकता है. मुझे लगता है कि सभी टीमें बराबरी की टक्कर की हैं. जो टीम दबाव में सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाएगी वह शीर्ष पर रहेगी.’ {mospagebreak}
आईसीसी टूर्नामेंट में टीम के साथ लगे ‘चोकर’ के ठप्पे के बारे में पूछने पर कैलिस ने कहा, ‘चोकर के ठप्पे के बारे में मीडिया में काफी कहा गया है. लेकिन हम खिलाड़ी इस बारे में सोचते भी नहीं हैं.’ कैलिस ने कहा कि वह पसली की चोट से पूरी तरह उबर चुके हैं और यहां वेस्टइंडीज के खिलाफ गुरुवार को होने वाले टीम के शुरूआती मैच में खेलेंगे.
उन्होंने कहा, ‘अब तक सब कुछ योजना के मुताबिक हो रहा है. मैं लगभग एक हफ्ते से गेंदबाजी कर रहा हूं. मैं मैच के लिए पूरी तरह फिट हूं.’ उन्होंने, ‘अधिकतर खिलाड़ी अच्छी स्थिति में हैं और अच्छा प्रदर्शन करने को तैयार हैं. अच्छी बात यह है कि हमें सभी 15 खिलाड़ियों के बीच से चुनने का मौका मिलेगा.’