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नकली बेटन ने लखनऊ में मचायी अफरातफरी

राष्ट्रमंडल खेलों की क्वींस बेटन के शनिवार को लखनऊ से रायबरेली जाते समय काफिले में शामिल पांच गाड़ियों के अचानक रास्ता बदलने से जिला प्रशासन के हाथ पैर फूल गये. बाद में

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राष्ट्रमंडल खेलों की क्वींस बेटन के शनिवार को लखनऊ से रायबरेली जाते समय काफिले में शामिल पांच गाड़ियों के अचानक रास्ता बदलने से जिला प्रशासन के हाथ पैर फूल गये. बाद में

पता चला कि ये गाड़ियां नकली बेटन लेकर गोमती नगर स्थित सहारा शहर की तरफ गयी हैं.

बेटन ले जा रही गाड़ियों के काफिले से लापता हुई पांच गाड़ियों के बारे में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें लगा कि क्वींस बेटन के साथ पांच गाड़ियां काफिले से दूसरी दिशा

की तरफ चली गयी हैं और इनका पीछा कर इंदिरा बैराज पर रोके जाने पर पता लगा कि इन गाड़ियों में नकली बेटन थी.

जिला प्रशासन और पुलिस को तब राहत मिली जब क्वींस बेटन रिले से जुड़े अधिकारियों ने यह साफ किया कि काफिले से लापता हुई गाड़ियों में ले जायी जा रही यह क्वींस बेटन असली

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का प्रोटोटाइप थी.

क्वींस बेटन रिले टीम का नेतृत्व करने वाले अतिरिक्त महानिदेशक अवकाश प्राप्त लेफ्टीनेन्ट जनरल राज कादयान ने इस पूरे नाटकीय घटनाक्रम पर लिखित रप से खेद जताया है.
जिलाधिकारी अनिल सागर ने क्वींस बेटन रिले को लेकर आज हुए इस नाटकीय घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए बताया कि वह इस संबंध में केन्द्र सरकार को एक पत्र लिख रहे हैं.

क्वींस बेटन रिले को लेकर आज सुबह उस समय ड्रामा शुर हुआ जब बेटन को लेकर रायबरेली जा रहे काफिले से अचानक पांच गाड़ियां दूसरी दिशा की तरफ दौड़ने लगीं. ज्यों ही जिला

और पुलिस प्रशासन को काफिले से अलग हुई पांच गाड़ियों के बारे में जानकारी लगी, सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी सकते मे आ गये और गाड़ियों को गोमती नगर स्थित इंदिरा

बैराज पर रोक लिया गया और तब जाकर स्थिति स्पष्ट हुई कि इन गाड़ियों का ले जायी जा रही क्वींस बेटन रिले की ‘‘प्रोटो टाइप’’ थी.

इन्दिरा बैराज पर जब गाड़ियों को रोका गया तो इनमें बैठे लोग तुरंत उतर कर दूसरी गाड़ियों पर कथित रप से बेटन का प्रोटो टाइप लेकर सहारा शहर पहुंच गये. {mospagebreak}

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बेटन और प्रोटोटाइप बेटन को लेकर आज राजधानी लखनउ में हुई ड्रामेबाजी की हद उस समय हो गयी जब जिलाधिकारी अनिल सागर और डीआईजी राजीव

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कृष्णा भी अपनी अपनी गाड़ियों से आनन फानन मूल बेटन की पुष्टि करने के लिये रायबरेली दौड़ पड़े और तब राहत की सांस ली जब इसकी पुष्टि कर ली कि असली बेटन काफिले में

मौजूद थी और बेटन का प्रोटो टाइप सहारा शहर ले जाया गया था.

जिलाधिकारी अनिल सागर ने बताया कि उन्होंने बेटन टीम की संयोजक अलका लांबा तथा प्रोजेक्ट अधिकारी श्रुति मेनन को बुला कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली, बाद में इन अधिकारियों ने इस पूरे नाटकीय घटनाक्रम में लिये खेद भी व्यक्त किया है.

जिलाधिकारी सागर ने सारी स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि बेटन टीम के अधिकारियों ने बातचीत के बाद लिखित रप से यह दिया है कि सहारा ले जाया गया क्वींस बेटन रिले का प्रतिरप था. सागर ने कहा कि सहारा शहर ले जायी गयी बेटन प्रोटोटाइप थी क्योंकि सहारा प्रमुख सुब्रत राय राष्ट्रमंडल खेलों की प्रोटोकाल उप समिति के चेयरमैन हैं.

जिलाधिकारी ने कहा कि कल रात सहारा ग्रुप की तरफ से इस बात के लिये जिला प्रशासन से क्वींस बेटन को सहारा शहर लाये जाने का अनुरोध किया गया था मगर जिला प्रशासन ने यह

कहते हुए सहारा ग्रुप के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था कि अंतिम क्षणों में पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में बदलाव किया जाना संभव नहीं है.

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जिलाधिकारी ने कहा कि जिस तरीके से यह नाटकीय घटनाक्रम हुआ उससे यह आशंका पैदा हुई कि कहीं असली बेटन नहीं ले जायी गयी हो जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की

थी. उन्होंने कहा कि चूंकि इस घटना में राष्ट्रमंडल खेलों के बड़े अधिकारी शामिल हैं इसलिए बेटन रिले के अतिरिक्त महानिदेशक कादयान और उनके दो सहयोगियों के खिलाफ भारत सरकार को पत्र भेजा जायेगा.

इसी बीच कादयान ने कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी कि उनकी गाड़ियों का पीछा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बेटन के प्रोटोटाइप को सहारा शहर इसलिए ले जाया गया, क्योंकि सहारा परिवार के प्रबंध कार्यकर्ता सुब्रत राय सहारा राष्ट्रमंडल खेलों की उप समिति के चेयरमैन हैं.

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