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टेस्ट मैचों में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड था भारत के पहले टर्बनेटर बेदी के नाम

देश की युवा पीढ़ी ने टर्बनेटर के रूप में हरभजन सिंह को देखा है लेकिन भारत के इस पहले टर्बनेटर ने दुनिया भर के बल्लेबाजों को अपनी गेंदों पर खूब नचाया और जब उसने खेल से संन्यास लिया तो वो देश का सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाला गेंदबाज था.

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बिशन सिंह बेदी
बिशन सिंह बेदी

देश की युवा पीढ़ी ने टर्बनेटर के रूप में हरभजन सिंह को देखा है लेकिन भारत के इस पहले टर्बनेटर ने दुनिया भर के बल्लेबाजों को अपनी गेंदों पर खूब नचाया और जब उसने खेल से संन्यास लिया तो वो देश का सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाला गेंदबाज था. हम बात कर रहे हैं महान स्पिन गेंदबाज बिशन सिंह बेदी की. ये उस स्पिन चौकड़ी (बेदी, प्रसन्ना, चंद्रशेखर और वेंकटराघवन) का हिस्सा थे जिसने भारतीय स्पिन को पहचान दी.

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बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज बेदी कभी अपनी अपनी गेंदों को बाउंस कराते तो कभी लेग ब्रेक डालते तो कभी स्लोअर बॉल. बेदी की स्पिन गेंदबाजी गूढ़, मूक और घातक होती थी. ये अपने एक्शन में बिना किसी बदलाव के फ्लाइट, स्पिन और गेंद की गति में वेरिएशन लाने में दक्ष थे.

बेदी का जन्म 25 सितंबर 1946 को अमृतसर में हुआ. क्रिकेट इनकी रगों में दौड़ रहा था और महज 15 साल की उम्र में इन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. 1966-67 में टेस्ट कैप मिलने के बाद से वो टीम इंडिया के प्रमुख स्पिनर बने रहे और टीम के लिए लगातार विकेट लेते रहे. खेलने के दौरान अपने फैसले से और बाद में अपने बेबाक बयानों से वो हमेशा विवादों में भी रहे.

बेदी से जुड़े पांच विवाद
1. अपनी कप्तानी के दौरान इन्होंने 1976 में वेस्टइंडीज की खतरनाक बॉलिंग के विरोध में किंग्सटन टेस्ट में पारी घोषित कर डाली थी. यह इस सीरीज का चौथा टेस्ट था. सीरीज का पहला टेस्ट वेस्टइंडीज ने जीता. दूसरा टेस्ट ड्रॉ रहा जबकि तीसरा टेस्ट टीम इंडिया ने जीता. क्लाइव लॉयड के नेतृत्व में खेल रही वेस्टइंडीज टीम हर हाल में चौथा टेस्ट जीतकर सीरीज अपने नाम करना चाहती थी. इसलिए वेस्टइंडीज ने चौथे टेस्ट में चार तेज गेंदबाजों को उतारा और इनकी घातक गेंदों से पहली पारी में दो भारतीय बल्लेबाज रिटायर्ड हर्ट हुए. बेदी ने इसके विरोध में पारी घोषित कर दी. टीम इंडिया ने 6 विकेट पर 306 रन बनाए. इसके बाद दूसरी पारी में कप्तान बेदी समेत पांच भारतीय बल्लेबाज रिटायर्ड हर्ट हुए और भारत 10 विकेट से यह टेस्ट हार गया.
2. 1976-77 में भारत के इंग्लैंड दौरे में बेदी ने तीसरे टेस्ट के दौरान गेंदबाज जॉन लीवर पर गेंद को वैसलीन से पॉलिश करने का आरोप लगाया. हालांकि लीवर को बाद में इस आरोप से मुक्त कर दिया गया क्योंकि लीवर ने दलील दी कि उन्होंने अपने माथे पर वैसलीन इसलिए लगाई कि खेलते समय उनकी आंखों पर पसीना न टपके.
3. पाकिस्तान से हार मानने वाले एक मात्र कप्तान हैं बेदी. बात 1978 की है जब बेदी कप्तान थे. पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच में भारत के पास 8 विकेट बचे थे और जीतने के लिए 26 गेंदों पर 23 रन चाहिए थे. सरफराज नवाज ने लगातार चार बाउंसर फेंके. बेदी ने इसका विरोध किया और इन गेंदों को वाइड दिए जाने की मांग की लेकिन अंपायर नहीं माने. तब उन्होंने टीम को पवेलियन वापस बुला लिया. इसके बाद उन्होंने आगे खेलने से मना कर दिया और पाकिस्तान को मैच का विजेता घोषित किया गया.
4. 1990 में बेदी भारतीय टीम के कोच नियुक्त किए गए. भारतीय टीम के साथ उनका कार्यकाल कुछ टेस्ट का ही रहा लेकिन इस दौरान भी उन्होंने एक विवादित बयान दिया जब एक दौरे में टीम इंडिया ने खराब प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, ‘पूरी टीम को यहां से वापसी के दौरान नदी में डूबो दूंगा.’
5. बिशन सिंह बेदी मुथैया मुरलीधरन की गेंदबाज के भी धुर विरोधी थे. उन्होंने कई बार उनकी बॉलिंग पर सवाल उठाए. उन्होंने मुरली की गेंजबादी के बारे में कहा था कि यह एक धोखा है सट्टेबाजी और घूसखोरी से भी बड़ा.

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बिशन सिंह बेदी से जुड़े कुछ तथ्यः
1. बेदी बाएं हाथ के गेंदबाज और दाहिने हाथ के बल्लेबाज थे. बेदी ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 1966-67 में कोलकाता में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया. अपने पहले टेस्ट में उन्होंने केवल दो विकेट लिए और भारत यह मैच पारी के अंतर से हारा.
2. पहला वनडे इन्होंने जुलाई 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला. खास बात यह कि ये भारत का भी पहला वनडे मैच था.
3. 1976 से 1978 के दौरान बेदी के हाथों में टीम इंडिया की बागडोर गई. 22 टेस्ट मैचों में इन्होंने कप्तानी की और इनमे से 6 में भारत को जीत मिली जबकि 11 में हार, 5 टेस्ट ड्रॉ रहे.
4. नॉर्थम्पटनशायर की ओर से काउंटी क्रिकेट खेलने के दौरान बेदी ने एक सत्र में दो बार 100 विकेट लेने का कारनामा किया.
5. अपने करियर के दौरान बेदी ने 1560 फर्स्ट क्लास विकेट लिए.
6. 1979 में जब बेदी ने क्रिकेट से संन्यास लिया तब वो 67 टेस्ट में 266 विकेट लेकर भारत के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे. यह रिकार्ड अगले 6 साल तक बना रहा. 1985 में कपिल देव ने श्रीलंका के खिलाफ कैंडी टेस्ट की चौथी पारी में यह रिकॉर्ड धवस्त किया. आज भारत की ओर से सर्वाधिक टेस्ट विकेट का रिकॉर्ड अनिल कुंबले के नाम है.
7. आज भी बेदी का नाम भारत की ओर से सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों में पांचवे स्थान पर अंकित है. उनसे अधिक सिर्फ जहीर खान (311), हरभजन सिंह (413), कपिल देव (431) और अनिल कुंबले (619) ने विकेट लिए हैं.
8. सर्वश्रेष्ठ टेस्ट प्रदर्शनः ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1978-79 में पर्थ टेस्ट. इस टेस्ट की दोनों पारियों में बेदी ने 5-5 विकेट चटकाए. हालांकि ऑस्ट्रेलिया यह टेस्ट जीत गया लेकिन यह बेदी ही थे जिनकी वजह से मैच का फैसला पांचवे दिन 88वें ओवर में हुआ.
9. 2008 में विजडन ने बेदी का नाम उन पांच क्रिकेटरों में शुमार किया जिन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयर नहीं चुना जा सका.
10. बेदी अपने कपड़े खुद ही धोया करते थे. उनका कहना था कि कपड़े खुद धोने से हाथ-पैर में लचक बनी रहती है जो स्पिन गेंदबाजी के लिए बहुत जरूरी है.

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