चोट के कारण टेनिस कोर्ट से बाहर जाना किसी खिलाड़ी की फिटनेस की अच्छी मिसाल नहीं है लेकिन पिछले एक महीने में भारत के नंबर वन टेनिस खिलाड़ी साकेत माइनेनी के साथ ऐसा दो बार हुआ है.
यूएस ओपन के दौरान आर्थर ऐस स्टेडियम के बिलि जिन किंग टेनिस सेंटर के कोर्ट नंबर-9 पर दुनिया के 49वें नंबर के खिलाड़ी जिरि वेसले और माइनेनी के बीच यूएस ओपन के पहले दौर का मुकाबला चल रहा था. मैच पांच सेट तक चला और जब पांचवें सेट में उन्हें मैच प्वाइंट मिला तो उनकी दाहिनी जांघ में खिंचाव के कारण वह जीत से वंचित रह गए. स्कोरबोर्ड पर भले ही 7-6(5), 4-6, 2-6, 6-2, 7-5 माइनेनी के खिलाफ दिख रहा था लेकिन कई बार स्कोर केवल आधी स्टोरी ही बताता है.
माइनेनी 1991 के बाद यूएस ओपन में भारत के लिए इतिहास रचने की कगार पर थे. उन्हें मैच प्वाइंट मिला और वो सोमदेव देववर्मन और लिएंडर पेस के बाद यूएस ओपन में एक मैच जीतने वाले भारत के तीसरे टेनिस प्लेयर बनने की कगार पर थे. लेकिन उनकी बॉडी ने उनका साथ नहीं दिया. ऐन वक्त पर पैर की मांसपेशियों में खिंचाव हो गया और इसके बाद वो यह शानदार मौका गंवा बैठे.
पिछले महीने कोरिया के खिलाफ डेविस कप मुकाबले में माइनेनी इसी खिंचाव के शिकार हो गए थे लेकिन उन्होंने योंग क्यू लिम को हराया.
माइनेनी ने कहा, ‘यह फिटनेस का मसला नहीं था. वहां काफी उमस थी और दबाव नहीं था. मुझे अपनी खुराक और तैयारी में सही संतुलन बनाना है. मैंने पिछले एक महीने में दो बेहतरीन पांच सेटों के मैच देखे ओर मेरे शरीर ने मुझसे कहा है कि दोबारा दमखम हासिल करने के लिए कोई तरीका तलाशना होगा.’
उन्होंने कहा, ‘अभ्यास के दौरान भी मेरे शरीर से काफी तरल पदार्थ निकल जाता है. ट्रेनरों को पता है कि मेरा शरीर कैसा है और हल निकालने में समय लगता है. मैंने पिछले दो साल में काफी मेहनत की है.’
माइनेनी ने स्वीकार किया कि यदि उनके साथ दौरों पर भी ट्रेनर रहेगा तो उन्हें करीबी मुकाबलों में तेजी से रिकवर करने में मदद मिलेगी.