कोलकाता के ईडन गार्डन्स में होने वाले वर्ल्ड टी20 के फाइनल में रविवार को जब वेस्टइंडीज और इंग्लैंड भिड़ेंगे तो क्रिस गेल और जो रूट पर सबकी निगाहें होंगी. इस टूर्नामेंट में जब पिछली बार ये दोनों टीमें टकराई थीं तो गेल ने अकेले दम पर इंग्लैंड को हराया था. गेल के इस धुंआधार शतक से बिखरे इंग्लैंड को रूट ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 44 गेंदों में 83 रनों की पारी खेलकर संभाला.
रूट के दम पर 230 रन चेज करने के बाद अंग्रेजों में आए जोश का ही नतीजा है कि आज ये टीम फाइनल में विंडीज से भिड़ने जा रही है. इस मैच में जहां अंग्रेज बदला लेने उतरेंगे वहीं कैरेबियन टीम चाहेगी कि वो ग्रुप-10 के मैच में मिली जीत को दोहराकर वर्ल्ड टी20 का खिताब अपने नाम कर सके. मैच से पहले जानें इस मैच के वो पांच फैक्टर जिनसे काफी हद तक तय होगा इस मैच का रिजल्ट.1. एलेक्स हेल्स-जेसन रॉय की ओपनिंग
इंग्लैंड चाहे पहले बैटिंग करने उतरे या लक्ष्य का पीछा करे, इन दोनों का बल्ला काफी हद तक शुरुआती 6 ओवरों में ही मैच के नतीजे की ओर संकेत कर देगा. हेल्स और रॉय ऐसे बैट्समैन हैं जिन्हें जमने के लिए बहुत सी गेंदें नहीं चाहिए और ना ही ये किसी गेंदबाज से डरते हैं. शुरुआत के 6 ओवरों में ही मैच का रुख अपनी टीम की तरफ मोड़ने का दम रखने वाले इन बल्लेबाजों से अगर वेस्टइंडीज जल्दी छुटकारा ना ले सका तो वर्ल्ड टी20 की ट्रॉफी सैमी के लिए दूर की कौड़ी हो सकती है.
2. जो रूट-जोस बटलर का मिडिल ऑर्डर तूफान
जो रूट मौजूदा क्रिकेट की दुनिया के चुनिंदा बेस्ट बैट्समैनों में से एक माने जाते हैं. रूट ने अपनी बैटिंग से इस बात को अक्सर प्रूव भी किया है. मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करने वाले रूट टीम को खराब शुरुआत से उबारने और टीम की अच्छी शुरुआत को भुनाने, दोनों में महारत रखते हैं. रूट ने अपनी कमाल की बैटिंग के दम पर पहला मैच हारने के बाद अपनी टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ 230 रनों का टार्गेट चेज करने में अहम भूमिका निभाई थी.
मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करने के चलते अक्सर रूट के साथ दूसरे छोर पर नजर आने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर अपनी ताबड़तोड़ बैटिंग के लिए जाने जाते हैं. बटलर वनडे में इंग्लैंड के लिए सबसे तेज शतक बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम रखते हैं. दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ 20 नवंबर 2015 को बटलर ने सिर्फ 52 गेंदों पर 116 रनों की पारी खेली थी. उस पारी में बटलर ने महज 46 गेंदों पर शतक ठोंक कर अपने ही पुराने रिकॉर्ड में सुधार किया था.
3. डैरेन सैमी और आंद्रे रसेल का ऑलराउंड खेल
अपनी कप्तानी में वेस्टइंडीज को 2012 का वर्ल्ड टी20 जिताने वाले डैरेन सैमी को अभी तक इस टूर्नामेंट में अपनी टीम के अच्छे प्रदर्शन के चलते बैटिंग और बॉलिंग कम ही करनी पड़ी है. लेकिन इन दोनों डिपार्टमेंट में अपना दिन होने पर ये अच्छी-अच्छी टीमों को दिन में तारे दिखा सकते हैं. भारत के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में महज 20 गेंदों पर 43 रनों की पारी खेलने वाले आंद्रे रसेल इस फॉर्मेट में दूसरी टीमों के लिए बड़ा खतरा हैं. इस टूर्नामेंट में वेस्टइंडीज के लीडिंग विकेट टेकर होने के साथ ही रसेल ऐसे बल्लेबाज भी हैं जो किसी भी क्रम पर आकर 10-20 गेंदों में ही मैच का परिणाम बदलने का दम रखते हैं.
4. मर्लन सैमुअल्स-लेंडल सिमंस की बैटिंग
इस टूर्नामेंट में अभी तक बड़ा स्कोर नहीं बना सके मर्लन सैमुअल्स बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं. दबाव में अक्सर निखरकर सामने आने वाले सैमुअल्स काम चलाऊ गेंदबाजी भी कर लेते हैं. इन्होंने ने वेस्टइंडीज को 2012 में पहली बार टी20 चैंपियन बनाया था.दूसरी तरफ आंद्रे फ्लेचर की जगह आनन-फानन में बुलाए गए लेंडल सिमंस ने अपने पहले ही मैच में 52 गेंदों में 82 रनों की पारी खेलकर साबित कर दिया कि वो कितने खतरनाक हैं.
इन दोनों के साथ एक और खतरनाक बात है कि ये बैटिंग ऑर्डर में तीसरे और चौथे नंबर पर आते हैं यानि कि दोनों के साथ में बैटिंग करने के चांसेज भी ज्यादा हैं जो कि दूसरी टीम के लिए निश्चित तौर पर बड़ा सिरदर्द है.
5. क्रिस गेल और जॉनसन चार्ल्स का ओपनिंग पेयर
गेल की बैटिंग के बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है. पूरी दुनिया जानती है कि गेल टी20 में क्या कर सकते हैं. गेल उन चंद बल्लेबाजों में से हैं जिनके क्रीज पर होने मात्र से सामने वाले कप्तान की सांसें अटकी होती हैं. शुरू में इनका फुटवर्क जरूर खराब रहता है लेकिन अगर ये शुरू के 2-4 ओवर निकाल ले जाएं तो फिर ये अपनी मर्जी से बाउंड्री भी जड़ते हैं और अपनी मर्जी से ही आउट भी होते हैं.
दूसरी तरफ जॉनसन चार्ल्स ने भारत के खिलाफ गेल के जल्दी आउट होने के बाद जो कमाल की बैटिंग की थी उसे देखते हुए ये इंग्लैंड के लिए निश्चित तौर पर एक बड़ा खतरा हैं.