टीम इंडिया का कोच कौन बनेगा इस पर सस्पेंस बना हुआ है. डंकन फ्लेचर का कार्यकाल मई में खत्म हो रहा है, ऐसे में टीम इंडिया को नए कोच की तलाश है. इस दौरान सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और रवि शास्त्री के नाम पर चर्चा होने की खबर लगातार मीडिया में आ रही है. राहुल द्रविड़ से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इससे साफ इनकार ना करते हुए कहा जरूरत पड़ी तो वो इस बारे में सोचेंगे.
पिछले 15 सालों से टीम इंडिया की कोचिंग की कमान विदेशी हाथों में ही रही है. ग्रेग चैपल, जॉन राइट, गैरी कर्स्टन और डंकन फ्लेचर इन चारों ने पिछले 15 सालों में टीम इंडिया को क्रिकेट के गुर सिखाए हैं, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि कोई भारतीय ही टीम इंडिया का कोच बनेगा. सौरव गांगुली भले ही इन खबरों का खंडन कर चुके हैं, लेकिन द्रविड़ ने संकेत दिए हैं कि वो टीम इंडिया के कोच बन सकते हैं.
हमारे सहयोगी चैनल हेडलाइंस टुडे ने जब द्रविड़ से बात की, तो उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर वो इस बारे में सोच सकते हैं. द्रविड़ से जब पूछा गया कि आपने 6 महीने पहले इन खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि आपके पास फुल टाइम जॉब के लिए समय नहीं है, अब आप इस बारे में क्या कहेंगे. राहुल ने जवाब दिया, 'मुझे नहीं लगता अभी इस मुद्दे को इस तरह से देखना चाहिए. जरूरत पड़ी तो मैं इस बारे में सोच सकता हूं. अभी फिलहाल मैं जो राजस्थान रॉयल्स टीम के लिए कर रहा हूं उससे खुश हूं. मैंने भारतीय टीम की कोचिंग के बारे में सोचा नहीं है.'
द्रविड़ से जब पूछा गया कि बीसीसीआई ने कहा है कि आप, गांगुली, तेंदुलकर और शास्त्री को कोच पद के कैंडिडेट के रूप में देखा जा रहा है तो द्रविड़ ने जवाब दिया, 'आप मीडिया वाले मुझसे ज्यादा जानते हैं. अगर मेरे पास कोई बात आती है तो मैं बस उस पर ही टिप्पणी कर सकता हूं. तब तक अच्छा होगा कि हम आने वाले समय का इंतजार करें.'
द्रविड़ से जब पूछा गया कि क्या यह सही समय है कि टीम इंडिया का हेड कोच किसी भारतीय को बनाया जाए तो उन्होंने जवाब दिया, 'मैं कोचिंग जॉब को विदेशी या भारतीय कोच के तौर पर नहीं देखता हूं. मुझे लगता है जैसे बाकी कोच हैं वैसे ही शानदार भारतीय कोच भी है. टीम इंडिया को बेस्ट कोच की जरूरत है. टीम में रहाणे (अजिंक्य), रोहित (शर्मा), विराट (कोहली), सुरेश (रैना), विजय (मुरली), धवन (शिखर) जैसे शानदार बल्लेबाजों को देखकर खुशी होती है. इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है कि इंडियन क्रिकेट किस ओर जाता है.'