भारत से साल 2014 में फॉर्मूला वन रेस की मेजबानी छिन सकती है. इसकी कई वजह बताई जा रही हैं. एफवन के कॉमर्शियल प्रमुख बर्नी एक्लेस्टोन के मुताबिक भारत में एफ-1 रेस कराना मुश्किल है क्योंकि यहां सियासी दखलंदाजी की वजह से बाधा पैदा होती है. इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि अगले साल से रूस में भी एफ-1 रेस शुरू हो रही है.
उन्होंने हंगरी ग्रां पी के मौके पर बताया कि शायद अगले साल से भारत में एफ-1 रेस नहीं हो पाएगी. उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) पर ग्रां पी के आयोजन में आने वाली दिक्कतों के बारे में पूछे जाने पर एक्लेस्टोन ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने बताया कि फिलहाल आगामी कैलेंडर के लिए 22 ग्रां पी रेस में हैं. इनमें से अधिकतम 20 ग्रां पी को हरी झंडी दी जा सकती है.
गौरतलब है अगले साल से रूस और न्यूजर्सी में एफ-1 रेस शुरू होने जा रही है. इसके साथ ही 11 साल बाद ऑस्ट्रिया में भी फिर से यह रेस शुरू हो जाएगी. ये देश भी अपने वेन्यू के साथ इस चैंपियनशिप का हिस्सा बनने को बेताब हैं. खबरों के मुताबिक एफ1 के आयोजक अब एक साल में 20 रेस कराने के पक्ष में हैं और भारत में खेल के अंदर राजनीति का हस्तक्षेप और भारी भरकम टैक्स नियम इस फैसले के पीछे का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है.
भारत में 2011 में पहली बार ग्रां पी का आयोजन हुआ था और इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली. इस साल भी 27 अक्टूबर को यहां एफ-1 का आयोजन किया जाएगा. भारत में आयोजित दोनों ग्रां पी रेडबुल टीम के चालक सेबेस्टियन वेट्टेल ने जीती हैं. वेट्टेल का मानना है कि बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) विश्व के चुनौतीपूर्ण सर्किट में से एक है.
भारत में फार्मूला वन के आयोजक जेपी स्पोर्टस इंटरनेशनल ने एक बयान जारी कर सफाई दी है कि आगामी साल ग्रां पी के आयोजन को लेकर मीडिया में चल रही खबरें बिल्कुल निराधार है. फॉर्मूला वन प्रबंधन के साथ हमारा समझौता है, जिसके मुतबिक 2015 तक बीआईसी पर एफ वन रेस करवाएगी.