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सिगरेट और नशे की लत छोड़ मैराथन धावक बन गए स्टीव वे

खूब शराब पीने वाले, सिगरेट के कश उड़ाने वाले और 105 किलोग्राम वजनी किसी व्यक्ति के धावक होने के बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती, लेकिन इंग्लैंड के स्टीव वे ने न सिर्फ इन लतों से पीछा छुड़ाया बल्कि मौजूदा कॉमनवेल्थ गेम्स की मैराथन में हिस्सा भी लिया. भारी भरकम शरीर वाले स्टीव ने धावक बनने के लिए अपनी पूरी जीवनशैली ही बदल डाली.

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खूब शराब पीने वाले, सिगरेट के कश उड़ाने वाले और 105 किलोग्राम वजनी किसी व्यक्ति के धावक होने के बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती, लेकिन इंग्लैंड के स्टीव वे ने न सिर्फ इन लतों से पीछा छुड़ाया बल्कि मौजूदा कॉमनवेल्थ गेम्स की मैराथन में हिस्सा भी लिया. भारी भरकम शरीर वाले स्टीव ने धावक बनने के लिए अपनी पूरी जीवनशैली ही बदल डाली.

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स्टीव के मुताबिक, 'जब मैं स्कूल में था तो खेलों में मेरी जरा भी रुचि नहीं थी. गणित और भौतिकी में मैं काफी अच्छा था. वास्तव में मैं उन दिनों किताबी कीड़ा था, लेकिन उम्र के 20वें वर्ष में मैंने जीवन की काफी लुत्फ उठाया.' स्टीव ने बताया, 'उस समय मैं खूब पीने लगा था. मैं पूरी रात अपने दोस्तों के साथ घूमता सिगरेट पीता, कबाब खाता और खूब मस्ती करता.'

स्टीव ने कहा, 'जब मैं 33 वर्ष का हुआ तो मेरे जीवन में एकदम से बदलाव आया. मैं उस समय काफी वजनी था, और लगभग रोज 20 सिगरेटें पी जाता था. खांसी से परेशान मैं पूरी रात सो नहीं पाता था. यह सब बहुत तकलीफदेह था.' स्टीव के मुताबिक, 'मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि मेरे अंदर किसी तरह का ईश्वरीय प्रेरणा आई, लेकिन अपने 33वें जन्मदिन पर सुबह जब मैंने खुद को आइने में देखा तो मुझे अपना शरीर ही बेहद भद्दा नजर आया. मुझे अच्छी तरह याद है कि मुझे तब कैसा महसूस हुआ था, और उस समय मेरे अंदर से आवाज आई कि मुझे कुछ करना होगा, यह सब बदलना होगा.'

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स्टीव ने कहा, 'मुझे किसी ऐसी चीज की तलाश थी जिसमें खुद को इस कदर डुबा सकूं कि सिगरेट की लत छोड़ने में मदद मिले और मोटापा भी कम कर सकूं. आपको अपनी बुरी लतें छोड़ने के लिए कुछ नई आदतें पालनी पड़ती हैं. आपको जुनूनी बनना पड़ता है.' तीन सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद स्टीव ने लंदन मैराथन-2006 में हिस्सा लिया और उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा.

लेकिन उसके बाद स्टीव ने जो किया वह बेहद चौंकाने वाला है. बैंक में दिन भर की नौकरी करते हुए स्टीव प्रतिदिन 130 मील की दौड़ लगाने लगे. स्टीव ने कहा, 'दौड़ना मैंने अपनी पसंद से शुरू किया, यह मेरे लिए नौकरी जैसा नहीं है. शुरुआत में नौकरी करते हुए मुझे प्रशिक्षण और नौकरी में तालमेल बिठाने में बेहद मुश्किल हुई. फिर मैंने कई नौकरियां छोड़ीं और कम वेतन वाली नौकरी करना स्वीकार किया.'

फिर स्टीव ने वह कर दिखाया जिसकी शायद ही किसी को उम्मीद रही हो. लंदन मैराथन-2014 में तीसरे स्थान पर आने के साथ स्टीव ने 20वें कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए क्वालीफाई कर लिया.

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