महाराष्ट्र में कोल्हापुर के एक मजदूर के बेटे ने ग्लासगो में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में मेडल जीतकर न केवल अपने परिवार का बल्कि देश का भी नाम रोशन किया है.
कोल्हापुर के कुरुंडवाड़ स्थित बासवेश्वर कॉलोनी में रहने वाले चन्द्रकांत माली के 21 वर्षीय बेटे गणेश ने वेटलिफ्टिंग के 56 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता है. चंद्रकांत पेंटिंग का काम करता है और उसकी पत्नी खेतों में मजदूरी करती है.
गुरुवार को गणेश का पूरा परिवार टीवी से चिपका रहा और कॉमनवेल्थ गेम्स देखता रहा. भारतीय समयानुसार रात्रि डेढ़ बजे जब गणेश ने पदक जीता तो वे खुशी से उछल पड़े. शुक्रवार को पूरे शहर में गणेश की ही चर्चा थी. चंद्रकांत ने कहा, 'मेरा बेटा कठोर परिश्रम करता है और हमें उससे बहुत उम्मीद है. उसके साथ-साथ हम सभी आगे बढ़ेंगे.'
गणेश ने छह साल पहले वेटलिफ्टिंग शुरू की थी. उसके चचेरे भाई रविन्द्र माली ने उसे प्रोत्साहित किया था. उसने गणेश की जीत पर खुशी जाहिर की और कहा कि उसके माता-पिता ने उसे कभी निराश नहीं होने दिया और खेल के लिए उत्साहित किया.
गणेश ने 12वीं तक पढ़ाई की और एयरफोर्स में चला गया जहां उसने वेटलिफ्टिंग की विधिवत ट्रेनिंग ली. उसके स्थानीय कोच प्रदीप पाटिल ने भी उस पर पूरा ध्यान दिया. उन्होंने तो कहा कि गणेश तो गोल्ड मेडल भी जीत सकता था. उसने तो 242 किलो तक का वजन उठाया था.
माली परिवार के घर के सामने लोगों की भीड़ लगी हुई है और हर कोई उस गरीब मजदूर परिवार को बधाइयां दे रहा है.