पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने हर प्रारूप के लिये अलग कप्तान के विचार का समर्थन किया और कहा कि महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट के सभी प्रारूपों में भारतीय टीम की कप्तानी नहीं करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उससे सभी प्रारूपों की जिम्मेदारी ले ली जाये क्योंकि भारतीय टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है और नयी टीम बना रही है.’
गांगुली ने सतर्कता भरे लहजे से कहा, ‘धोनी के साथ बैठकर उससे पूछना चाहिए कि वह क्रिकेट के किस प्रारूप की कप्तानी करना चाहता है. उसने भारतीय क्रिकेट के लिये काफी अच्छी चीजें की हैं, लेकिन इस समय मुझे सिर्फ इतना डर है कि अगर वह इसी तरह जारी रहा तो हम बतौर खिलाड़ी उसे गंवा देंगे.’
इंग्लैंड के खिलाफ पिछले सात टेस्ट में से छह गंवाने के बावजूद गांगुली ने धोनी के प्रति आलोचनात्मक रवैया नहीं अपनाया.
उन्होंने कहा, ‘विकेटकीपिंग इतनी आसान नहीं है और जब गेंदबाजी आक्रमण हमारे जैसा हो जिसका प्रदर्शन पिछले कुछ समय में अच्छा नहीं रहा है. आप घंटों तक विकेटकीपिंग करते हो और फिर आप टीम की कप्तानी करते हो. फिर आप सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने क्रीज पर उतरते हो.’
गांगुली ने ‘हेडलाइंस टुडे’ से कहा, ‘इसलिये धोनी के लिये यह इतना आसान नहीं है. मेरा वाकई में मानना है कि उसके काम को बांट देना चाहिए और उससे किसी प्रारूप से राहत चाहिए.’
सचिन तेंदुलकर की फॉर्म के बारे में इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘सचिन को रन बनाने की जरूरत है. उसने काफी उपलब्धियां हासिल की हैं. उसने जो उपलब्धियां अपने नाम की है, उसकी वजह से ही उसे लंबा समय दिया जा रहा है. उसे खुद जानना चाहिए कि उसे कैसे इसे बदलना चाहिए.’
गांगुली ने कहा, ‘बाहर से देखने वालों के लिये तेंदुलकर प्रदर्शन नहीं कर रहा है, मुझे लगता है कि अगर मैं तेंदुलकर होता तो मैं चला जाता. लेकिन इस समय यह उस पर निर्भर करता है. हम एक महान खिलाड़ी को बल्ला ऊंचा कर गर्व से जाते हुए देखना चाहते हैं, हम उसे खराब फॉर्म में जाते हुए नहीं देखना चाहते.’