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गंभीर को अब भी चमत्कार की उम्मीद

भारत भले ही इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में हार की स्थिति में पहुंच गया है लेकिन सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को अब भी चमत्कार की उम्मीद है. गंभीर अभी एक छोर पर टिके हुए हैं. वह नाबाद 53 रन बनाकर खेल रहे हैं.

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भारत भले ही इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में हार की स्थिति में पहुंच गया है लेकिन सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को अब भी चमत्कार की उम्मीद है. गंभीर अभी एक छोर पर टिके हुए हैं. वह नाबाद 53 रन बनाकर खेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी भारत इस तरह की परिस्थितियों से बाहर निकला है.

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उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी मैदान पर 2004 में खेले गये टेस्ट मैच को याद किया जिसमें भारत ने मेहमान टीम को 111 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 93 रन पर ढेर कर दिया था. गंभीर ने कहा, ‘चमत्कार होते रहते हैं. हालात एकदम से बदल जाते हैं. यदि हम अच्छा स्कोर बना लेते हैं तो कुछ भी हो सकता है. आपको यहां उस टेस्ट मैच की याद होगी जिसमें ऑस्ट्रेलिया 70 या 80 रन पर आउट हो गया था. वह मेरा पहला टेस्ट मैच था.’

उन्होंने कहा, ‘कल हम प्रयास करेंगे तथा सकारात्मक बात यह है कि हमारे तीन विकेट बचे हुए हैं. यदि हमारी एक साझेदारी हो जाती है और हम उन्हें 120-130 रन का लक्ष्य देते हैं तो मैच जीवंत बन जाएगा. यदि हमारा स्कोर सात विकेट पर 113 रन हो सकता है तो हम उन्हें भी आल आउट कर सकते हैं. वे भी ये रन बनाने के लिये संघर्ष करेंगे. महत्वपूर्ण यह है कि हमें गेंदबाजों के बचाव के लिये अच्छा स्कोर देना होगा. ’’

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गंभीर जिस मैच की बात कर रहे हैं उसमें इस मैच में खेल रहे भारत की तीन स्पिनरों में से एक हरभजन सिंह ने पांच जबकि बायें हाथ के स्पिनर मुरली कार्तिक ने तीन विकेट लिये थे. भारत ने पहली पारी में 99 रन से पिछड़ने के बाद यह मैच जीता था.

उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि उन्होंने (पनेसर और स्वान) हवा में अधिक तेजी से गेंद करायी. जब आपको विकेट से मदद मिल रही हो और आप गेंद को हवा में तेजी देते हो तो कुछ गेंदें स्पिन हो जाती हैं और कुछ सीधी जाती हैं.’

गंभीर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमने कुछ अवसरों पर हवा में तेजी से गेंद करायी जबकि कुछ मौकों पर धीमी करायी. इस विकेट में टर्न और उछाल है और इसमें मोंटी और स्वान ने आदर्श तेजी से गेंद कराकर हमें परेशानी में डाला. हमें भी टर्न और उछाल मिल रही थी. केवल तेजी के कारण बड़ा अंतर पैदा हुआ. ’’

गंभीर ने भारतीय स्पिनरों का पक्ष लिया. उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि उनके स्पिनरों ने हमारे स्पिनरों से बेहतर गेंदबाजी की. यदि आप एलिस्टेयर कुक और केविन पीटरसन की साझेदारी को हटा दो तो उनके अन्य बल्लेबाजों ने कोई खास योगदान नहीं दिया. इससे साबित होता है कि हमारे गेंदबाजों ने भी अच्छी गेंदबाजी की.’ उन्होंने कहा, ‘मैं यह कहूंगा कि मोंटी ने ओझा की तुलना में अच्छी गेंदबाजी की. उसे अतिरिक्त उछाल मिल रही थी.’

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