पिछले साल कुछ अवसरों पर भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करने की इच्छा जताने वाले सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा कि वह कभी कप्तानी की दौड़ में शामिल नहीं थे.
फिलहाल राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे गंभीर ने, ‘मैंने कभी नहीं कहा कि मैं टेस्ट कप्तान बनना चाहता हूं. मैंने कहा था कि टीम का कप्तान बनना बड़ा सम्मान है. मुझे याद है कि पर्थ में मुझसे इसी तरह सवाल किया गया था. मैंने कहा था कि मेरे लिये आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर श्रृंखला में जीत दर्ज करने वाली टीम का हिस्सा बनना और उसमें योगदान देना बड़ा सम्मान है.’
गंभीर से पूछा गया था कि उन्होंने पिछले साल टेस्ट टीम का कप्तान बनने की इच्छा जतायी थी, लेकिन यह सलामी बल्लेबाज सवाल पूरा होने से पहले जवाब देने लग गया था. आईपीएल में केकेआर को सफलता दिलाने के बाद हालांकि गंभीर ने पिछले साल जून में टेस्ट कप्तान बनने की इच्छा जतायी थी.
उन्होंने तब कहा था, ‘निश्चित तौर पर यह बड़ा सम्मान है. मैं इसके लिये तैयार हूं. मैं इस जिम्मेदारी की चुनौतियों के लिये तैयार हूं क्योंकि आप अलग अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना चाहते हो.’
गंभीर ने राष्ट्रीय स्कूल लीग के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान शिखर धवन की भी तारीफ की जिन्होंने मोहाली में अपने पदार्पण मैच में 187 रन की धुआंधार पारी खेली थी. उन्होंने कहा, ‘शिखर लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा है और मुझे खुशी है कि उसने बहुत अच्छी शुरुआत की. उसे बहुत पहले टीम में जगह मिल जानी चाहिए थी. उम्मीद है कि वह अपना ऐसा प्रदर्शन आगे भी जारी रखेगा.’
गंभीर ने भारत की आस्ट्रेलिया पर 0-4 से जीत की प्रशंसा करते हुए कहा कि दुनिया में नंबर एक टीम बनने के लिये विदेशों में जीत दर्ज करना जरूरी है.
उन्होंने कहा, ‘जब तक टीम विदेशों में जीत दर्ज नहीं करती तब उसे मजबूत नहीं माना जाएगा. मेरा हमेशा से मानना रहा है कि विदेशों में जीत दर्ज करना काफी महत्व रखता है. मुझे खुशी है कि हमने स्वदेश में अच्छा प्रदर्शन किया. घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाना गलत नहीं है. प्रत्येक देश ऐसा करता है.’
गंभीर ने कहा, ‘लेकिन दक्षिण अफ्रीका को देखो. उन्होंने आस्ट्रेलिया को आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को इंग्लैंड में हराया. असल में वे दुनिया की नंबर एक टीम है. मेरा हमेशा लक्ष्य विदेशों में जीत दर्ज करने वाली टीम का हिस्सा बनना और टीम की जीत में रन बनाना रहा है.’