भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के हाथों शर्मनाक हार झेलने के बाद कुछ भारतीय क्रिकेटरों की अपने कर्तव्यों के प्रति नैतिकता पर सवाल उठाये. गावस्कर ने किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लिया लेकिन उनका मानना है कि खिलाड़ियों ने अपनी कमजोरियों से निजात पाने के लिये नेट्स पर पर्याप्त समय नहीं बिताये.
भारतीय बल्लेबाज इंग्लैंड की परिस्थितियों में तेज गेंदबाजों को खेलने में नाकाम रहे. यदि पुछल्ले बल्लेबाजों ने योगदान नहीं दिया होता तो स्थिति और बदतर होती.
गावस्कर ने कहा, ‘सवाल पूछे जाएंगे, क्योंकि खेल के प्रति प्यार रखने वाले लोग और प्रशंसक सवाल कर सकते हैं कि टीम में क्या चल रहा है. वे प्रशंसक हैं जो अपनी मेहनत की कमाई लगाकर टीम को खेलते हुए देखते हैं. गैरी कर्स्टन के रहते हुए जो अपने कर्तव्यों के प्रति नैतिकता बरती जाती थी वैसा अब नहीं है. उन्होंने कहा, इस पर कौन ध्यान देगा. टीम में कुछ खिलाड़ी हैं जिन्हें हो सकता है कि ज्यादा अभ्यास की जरूरत नहीं हो लेकिन कई अन्य खिलाड़ी हैं जिन्हें अधिक अभ्यास की जरूरत है.’
गावस्कर से पूछा गया कि कि महेंद्र सिंह धोनी टेस्ट क्रिकेट की परवाह करते हैं तो उन्होंने कहा, ‘भारतीय कप्तान अकेला खिलाड़ी था जिसने जीजान लगायी. उन्होंने कहा, यदि वह रन नहीं बनाता तो टीम 100 से कम स्कोर पर आउट होती रहती. कुछ ऐसे खिलाड़ी थे जो केवल पुश कर रहे थे. जब आप दस पारियां खेलते हो और अपनी दूसरी और तीसरी पारी में भी गलतियां दोहरा रहे हो तो फिर इसका मतलब है कि आपको सुधार करने की जरूरत है.’