टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने माना कि दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर तेजी और उछाल से तालमेल बिठाना उनकी यंगिस्तान टीम के लिए बड़ी चुनौती होगी. टीम इंडिया 3 वनडे और 2 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गई है. गुरुवार को मेहमानों को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला वनडे मैच खेलना है.
'तालमेल बिठाना होगा बड़ी चुनौती'
पहले वनडे से पहले धोनी ने कहा, ‘सबसे बड़ी चुनौती तेजी और उछाल से तालमेल बिठाना है. अगर आप इंटरनेशनल क्रिकेट में नए हो तो यह बड़ी चुनौती बन जाती है. इसके पीछे वजह यह है कि भारत में सर्वश्रेष्ठ विकेट पर भी आपको इस तरह की तेजी और उछाल नहीं मिलती.’
'आखिर में अनुभव में मायने रखता है'
उन्होंने कहा, ‘इसलिए जिन खिलाड़ियों ने अभी इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण किया हो उनके लिए यह थोड़ा मुश्किल हो जाता है.’ धोनी को हालांकि विश्वास है कि उनकी टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें इंटरनेशनल स्तर का अनुभव है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमारे पास कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो पिछले कुछ सत्र से खेल रहे हैं और उन्होंने दुनिया भर में अच्छा प्रदर्शन किया है. जब आप उसी मैदान पर खेलते हो तो आपको पता होता है कि परिस्थितियां कैसी होंगी और इससे फायदा मिलता है. आखिर में अनुभव मायने रखता है.’
'विकेट लेना और रन बनाना अहम'
इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों और दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों के बीच जोरदार मुकाबला देखने को मिलेगा. धोनी ने कहा, ‘बल्लेबाजों के खिलाफ हमेशा रणनीतियां बनाई जाती हैं. बल्लेबाज भी गेंदबाजों से निबटने के लिए खुद की रणनीति बनाते हैं. अहम चुनौती यह है कि आप अलग परिस्थितियों के अनुरूप अपना खेल कैसे ढालते हो. रणनीतियों से अधिक अहम यह है कि कौन ज्यादा रन बनाता है और कौन अधिक विकेट लेता है.’
गेंदबाजों के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं धोनी
भारतीय गेंदबाजी को दक्षिण अफ्रीका की तुलना में कमजोर माना जा रहा है लेकिन धोनी ने कहा, ‘महत्वपूर्ण यह है कि आप परिस्थितियों का कैसा फायदा उठाते हो.’ धोनी ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपके पास सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं. मुझे लगता है कि हमने अच्छा प्रदर्शन किया है. उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. जब मैदान पर ओस होती है या विकेट बिल्कुल सपाट होती है तो हमें सचमुच में संघर्ष करना पड़ता है. यह ऐसा एरिया है जिसमें हमारे गेंदबाजों ने काफी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है.’
'उतार-चढ़ाव से हम खुश हैं'
धोनी के मुताबिक, ‘लेकिन अगर उन्हें मदद मिलती है तो तेज गेंदबाज हो या स्पिनर, उन्होंने इसका फायदा उठाया है और अच्छा प्रदर्शन किया है. इसलिए उन्होंने जो किया उससे हम खुश हैं. उतार-चढ़ाव से हम खुश हैं.’ धोनी ने स्वीकार किया कि उन्होंने पिच नहीं देखी है. उन्होंने कहा, ‘आप कहीं भी खेल रहे हो अगर आपने विकेट बचाए हैं तो अंतिम आठ से 10 ओवर में अच्छे रन बना सकते हो. उप महाद्वीप में विकेट धीमे हो जाते हैं और कभी-कभी नए बल्लेबाज के लिए तुरंत आकर शॉट खेलना आसान नहीं होता. ऐसे हालात में हम प्रतिस्पर्धी स्कोर नहीं बना पाते.’
'स्लॉग ओवरों में बनेंगे रन'
उन्होंने कहा, ‘अगर अच्छी उछाल और तेजी होती है तो हमने देखा है कि बल्लेबाज अंतिम आठ से 10 ओवर (स्लॉग ओवर) में रन बना लेते हैं और वे मजबूत स्कोर खड़ा कर देते हैं.’ भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका ऐसी जगह हैं जहां यह काफी हद तक निर्भर करता है कि हालात कैसे हैं, विकेट कैसे तैयार किया गया है और बादल छाए हैं या धूप खिली है जब विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा होता है. काफी कुछ इस पर निर्भर करता है कि उस दिन हालात कैसे हैं.’
'दक्षिण अफ्रीका में खराब रिकॉर्ड के बारे में नहीं सोच रहे हम'
भारत सीरीज में दुनिया की नंबर एक वनडे टीम के रूप में उतरेगा लेकिन भारत ने दक्षिण अफ्रीका में कभी द्विपक्षीय सीरीज नहीं जीती है और वनडे में उनका रिकॉर्ड भी खराब है. धोनी ने कहा, ‘यह प्रबल दावेदार की बात नहीं है. खराब रिकॉर्ड हमारे जेहन में नहीं है लेकिन ऐसे उदाहरण हैं जब हमारे पास सीरीज जीतने का मौका था लेकिन हमने इसका फायदा नहीं उठाया. इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि आप उस दिन कैसा खेल दिखाते हो. हमने देखा है कि वनडे में आपको अच्छी शुरुआत की जरूरत होती है. दो नई गेंद के नियम से और विशेषकर अगर हालात तेज गेंदबाजों के अनुकूल हों तो यह अहम है कि आप पहले 10 ओवर में कैसे खेलते हो. विकेट हाथ में होने पर अंतिम 15 ओवर में प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाया जा सकता है.’