सरकार ने गरीबी की हालत में रह रहे पूर्व फुटबॉलर बीर बहादुर को दो लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है.
खेल मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए इसकी घोषणा की. बीर बहादुर को खिलाड़ियों के लिए गठित राष्ट्रीय कल्याण कोष से अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी.
इस योजना के तहत उन पूर्व खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जिनकी वर्तमान माली हालात दुरुस्त नहीं है.
बहादुर राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप संतोष ट्रॉफी की उस टीम का हिस्सा थे जिसने 1966 और 1969 में उपविजेता रही. इतना ही नहीं वो 1966 एशियन गेम्स में भारतीय टीम के स्टार सेंटर फॉरवर्ड थे. सेना के लिए काम कर चुके बहादुर कई सालों तक सर्विसेज के कप्तान रहे और लगभग 22 सालों तक उन्होंने नंबर 9 की जर्सी पहनी.
सेना से रिटायरमेंट के बाद बीर बहादुर की माली हालात ठीक नहीं रही क्योंकि उनके परिवार में चार सदस्य हैं और उन्हें पेंशन के रूप में मात्र तीन हजार रुपये मिलते हैं. उन्होंने ठेले पर चाट बेचने का काम शुरू किया लेकिन इसकी कमाई भी रोजाना 150 रुपये से अधिक नहीं होती. हालात ने उन्हें विवश कर दिया और मीडिया में उन पर बनाई गई खबरों के बाद सरकार ने उन्हें ये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.