मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर जब तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेले कॉन्ट्रोवर्सी से दूर रहे, लेकिन अपनी ऑटोबॉयोग्राफी 'प्लेइंग इट माई वे' के जरिए उन्होंने पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल को लेकर ऐसे दावे किए हैं जिनसे विवादों ने जन्म ले लिया है . तेंदुलकर ने चैपल को रिंगमास्टर करार दिया तो इस पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने मास्टर ब्लास्टर के दावों को झूठा ठहराया है. PHOTO: क्रिकेट की दुनिया में इन किताबों ने मचाया बवाल
खबरों की माने तो चैपल ने तेंदुलकर के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो कभी नहीं चाहते थे कि राहुल द्रविड़ की जगह तेंदुलकर टीम इंडिया की कमान संभाले. उन्होंने तेंदुलकर के दावों को सरासर झूठा करार दिया है.
6 नवंबर को दुनियाभर में तेंदुलकर की ऑटोबॉयोग्राफी रिलीज होगी. इसमें तेंदुलकर ने दावा किया है कि चैपल का व्यवहार भारतीय कोच कार्यकाल के दौरान रिंगमास्टर जैसा था और वो अपने विचार टीम इंडिया के ऊपर थोपते थे. तेंदुलकर ने साथ ही कहा कि चैपल को कोई फर्क नहीं पड़ता था कि उनके फैसलों से टीम में कोई सहज है या असहज.
तेंदुलकर की ऑटोबॉयोग्राफी के अंशों में उन्होंने खुलासा किया कि चैपल ने तेंदुलकर को स्तब्ध करने वाला सुझाव दिया था कि वह वेस्टइंडीज में 2007 में होने वाले वर्ल्ड कप से कुछ महीने पहले द्रविड़ से भारत की कप्तानी अपने हाथ में ले लें.
गांगुली ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल द्रविड़ जानते थे कि चैपल क्या कर रहे हैं, लेकिन उनका इस पूर्व भारतीय कोच पर कोई नियंत्रण नहीं था.