पाकिस्तान के कप्तान मोहम्मद हफीज ने पहले ट्वेंटी 20 मैच में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को अंतिम एकादश में शामिल करने के भारत के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि इससे उनकी टीम को फायदा हुआ. पाकिस्तान ने यह मैच पांच विकेट से जीता.
हफीज ने कहा, ‘अश्विन उनकी टीम में नहीं था और हमारी योजना थी कि यदि हम नयी गेंद अच्छी तरह से खेल लेते हैं तो उनके पास विश्वस्तरीय स्पिनर नहीं है. मैं जानता हूं कि युवराज शानदार फॉर्म में है लेकिन यदि आपके पास विश्वस्तरीय स्पिनर नहीं है तो हम दबदबा बना सकते हैं.’ भारत इस मैच में तीन तेज गेंदबाजों इशांत शर्मा, अशोक डिंडा और भुवनेश्वर प्रसाद के साथ उतरा था. स्पिन विभाग की जिम्मेदारी युवराज सिंह और रविंदर जडेजा पर थी.
जडेजा ने 2.4 ओवर किये और 29 रन लुटाये. भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आखिरी ओवर करने का जिम्मा भी जडेजा को सौंपा जिस पर शोएब मलिक ने विजयी छक्का लगाया था.
धोनी ने हालांकि अश्विन को बाहर रखने के फैसले का बचाव किया. उन्होंने कहा कि अश्विन नयी गेंद के साथ अधिक सफल रहा है.
अश्विन ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 2010 में पदार्पण किया था. तब से यह केवल दूसरा मैच था जिसमें वह नहीं खेले. इससे पहले वह इंग्लैंड के खिलाफ विश्व ट्वेंटी 20 चैंपियनशिप का औपचारिक मैच नहीं खेले थे.
अश्विन से जब उनको बाहर किये जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दार्शनिक अंदाज में जवाब दिया, ‘यहां तक कि फर्नांडो टोरेस को भी चेल्सी की तरफ से खेलते हुए बाहर बैठना पड़ता है.’