दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र, बीसीसीआई और टीवी चैनल को उस जनहित याचिका का जवाब देने का आदेश दिया है, जिसमें आरोप लगाया है कि इंडियन प्रीमियर लीग मंच को शराब के ब्रांड को बढ़ावा देने के लिये इस्तेमाल किया गया और चैनलों द्वारा इसका प्रसारण कानून का उल्लघंन है.
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चीफ जस्टिस डी मुरूगसन और न्यायामूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ ने गृह मंत्रालय, भारतीय क्रिकेट बोर्ड, सोनी एंटरटेनमेंट चैनल और राज्य सरकार के आबकारी विभाग को नोटिस जारी कर 14 अगस्त तक उनका जवाब मांगा है.
पीठ वकील आसिफ खान द्वारा दायर की गयी जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार ने ऐसे क्रिकेट टूर्नामेंट के प्रसारण की अनुमति दे दी जिसका शराब की विभिन्न ब्रांड को बढ़ावा देने के मंच के रूप में इस्तेमाल किया गया, जो केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम और नियमों का पूर्ण उल्लघंन है.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र इस तरह के उल्लंघनों को रोकने के अपने कर्तव्यों को सुनिश्चित करने में असफल रहा.
इस याचिका में कहा गया कि सोनी टीवी चैनल के पास सभी आईपीएल मैचों के प्रसारण के विशेष अधिकार थे, उसने शराब के विभिन्न ब्रांड को सीधे और परोक्ष रूप से विज्ञापनों के जरिये बढ़ावा देकर प्रसारण कर कानून के प्रावधानों का उल्लघंन किया है.
याचिका के अनुसार, ‘टूर्नामेंट के दौरान, यहां तक कि कई खिलाड़ियों की जर्सी, अंपायरों के कोट और कैप, होर्डिंग्स, बैक स्क्रीन, बाउंड्री वाल तथा अन्य वस्तुओं पर स्पष्ट रूप से प्रसारण किया गया, इसमें शराब के ब्रांड के विज्ञापन थे. यह हैरानी भरा है कि इस तरह के खुले विज्ञापनों को उन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया जो टूर्नामेंट का आयोजन कर रहे थे.’