वर्ल्ड कप 2015 के लिए उन 15 खिलाड़ियों की लिस्ट आ गई है जो टीम इंडिया के सिर के ताज को बचाने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जाएंगे. जो टीम वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई है उसको लेकर जहां कई दिग्गज संतुष्ट दिखे तो कहीं असंतोष की लहर भी साफ दिखाई पड़ रही है. खास तौर पर युवराज सिंह का चयन न होने पर कई पूर्व क्रिकेटर और फैन्स निराश हैं. इतना ही नहीं टीम सेलेक्शन के बाद से कई लोगों को शक है कि ये टीम वर्ल्ड कप खिताब बचा भी पाएगी या नहीं! इन 7 वजहों से युवराज रह गए टीम से बाहर
'अनफिट' जडेजा और 'बेटा' बिन्नी टीम में क्यों?
भारत ने जब 2011 में वर्ल्ड कप जीता था तो उस टीम में कैप्टन कूल एमएस धोनी के पास सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, हरभजन सिंह और गौतम गंभीर जैसे अनुभवी और नायाब नगीने मौजूद थे. लेकिन इस बार की टीम इंडिया उस टीम की तुलना में काफी अनुभवहीन दिखाई देती है. लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस टीम में भी कुछ ऐसे हीरे हैं जो अपनी चकाचौंध से विरोधियों को चौंका सकते हैं. आइए जानें क्यों है टीम इंडिया वर्ल्ड कप जीतने का दावेदार.
1. टीम इंडिया के पास सबसे मजबूत बल्लेबाजी, पंचरत्न पर रहेगा दारोमदार
टीम इंडिया हमेशा अपनी बल्लेबाजी के दम पर विरोधी टीमों की नींदें उड़ाती रही है. इस बार भी टीम को बल्लेबाजों से ज्यादा उम्मीद रहेगी. बेशक इस बार सचिन, वीरू, युवराज या गंभीर नहीं हैं, लेकिन टीम इंडिया के पास इस समय दुनिया का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज विराट कोहली है, इनके अलावा रोहित शर्मा, शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे और सुरेश रैना जैसे वनडे स्पेशलिस्ट भारत की संभावनाओं को मजबूत बनाते हैं. अगर धोनी के साथ इन पांच बल्लेबाजों का बल्ला चल पड़ा तो भारत किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकता है.
2. धोनी चले तो कर देंगे अनहोनी को होनी
हर कप्तान की चाहत होती है कि वह अपनी टीम को फ्रंट से लीड करे. धोनी अपनी कप्तानी और बल्लेबाजी का लोहा पूरी दुनिया में मनवा चुके हैं. इस बार धोनी की बल्लेबाजी और लीडरशिप भारतीय टीम के लिए बहुत कुछ तय करेगी. अगर धोनी का बल्ला चला तो वह अनहोनी को भी होनी कर सकते हैं और टीम इंडिया वर्ल्ड कप जीत सकती है. दुनिया के सबसे बेस्ट फिनिशर के रूप में मशहूर धोनी को इस वर्ल्ड कप में बहुत बड़ा रोल निभाना होगा.
वैसे भी धोनी अगर यह वर्ल्ड कप जीत पाने में कामयाब रहे तो उनके नाम लगातार दो वर्ल्ड कप जीतने का रिकॉर्ड भी दर्ज हो जाएगा. इससे पहले वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान क्लाइव लॉयड (1975 और 1979) और ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग (2003 और 2007) लगातार दो वर्ल्ड कप जीतकर यह सम्मान अपने नाम दर्ज करवा चुके हैं. अपने नाम के आगे ढेरों उपलब्धियां जोड़ चुके धोनी इस उपलब्धि को पाने के लिए भी हर संभव कोशिश करेंगे.
3. 1983 में ऑलराउंडरों ने भारत को जिताया था वर्ल्ड कप, इस बार भी उम्मीद
1983 में किसी ने सोचा नहीं था की भारत वर्ल्ड कप जीतेगा, लेकिन टीम के ऑलराउंडरों ने करिश्मा करते हुए पहली बार भारत के सिर पर वर्ल्ड कप का ताज सजाया था. कपिल देव, मोहिंदर अमरनाथ, रॉजर बिन्नी, रवि शास्त्री और मदन लाल के योगदानों को आज भी बड़े गर्व से याद किया जाता है. इस वर्ल्ड कप में भी भारत एक बार फिर अपने ऑलराउंडरों से कमाल की उम्मीद करेगा. रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, आर अश्विन और स्टुअर्ट बिन्नी से अच्छी गेंदबाजी के साथ बल्ले से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी. रैना और रोहित से भी उम्मीद होगी कि वह गेंद से भी योगदान दें. उमेश यादव, ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी को छोड़कर टीम का हर खिलाड़ी ऑलराउंडर नजर आता है, जो टीम इंडिया की दावेदारी को मजबूत करती है.
4. ऑस्ट्रेलिया की कंडिशन टीम इंडिया के लिए रहेगी मददगार
हालिया दिनों में भारत ने ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर जिस तरह की बल्लेबाजी की है उससे एक उम्मीद जरूर जाग गई है कि भारत वहां भी अच्छा खेल सकता है. भारत ऑस्ट्रेलिया में अपने ज्यादातर मैच बैटिंग फ्रेंडली पिच पर खेलेगा. साथ ही वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया के घरेलू टूर्नामेंट का सीजन खत्म होने के बाद खेला जाना है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के पिचों में वो तेजी और उछाल नहीं रहेगी. अगर ऐसा हुआ तो टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में भी अपनी बल्लेबाजी का परचम बुलंद कर सकता है.
5. गेंदबाजी कमजोर जरूर पर बेअसर नहीं
टीम इंडिया की सबसे कमजोर कड़ी गेंदबाजी मानी जाती है. लेकिन विडंबना यह भी है कि भारत के पास इससे बेहतर बॉलर हैं भी नहीं. टेस्ट मैचों में भारत की खराब गेंदबाजी जरूर रही है लेकिन वनडे क्रिकेट अलग किस्म का खेल है और 50 ओवर में यही गेंदबाज बदले-बदले हुए दिखाई देंगे. मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, ईशांत शर्मा, उमेश यादव, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल अपनी औसत से थोड़ा भी बेहतर प्रदर्शन कर पाने में सफल रहे तो टीम इंडिया सबको चौंकाते हुए एक बार फिर वर्ल्ड चैंपियन बन सकती है.