लगातार दो हार के बाद होश में आई भारतीय हॉकी टीम ने मंगलवार को कलिंगा स्टेडियम में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी के अपने अंतिम पूल मैच में नीदरलैंड्स को 3-2 से हरा दिया. इस टूर्नामेंट में भारत की यह पहली जीत है. साथ ही भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी में नीदरलैंड्स पर 28 साल बाद जीत हासिल की. अर्जेंटीना ने चैम्पियंस ट्रॉफी मैच में जर्मनी को 3-0 से हराया
आठ टीमों के इस आयोजन के पूल-बी में भारत को अपने पहले मैच में जर्मनी से 0-1 से हार मिली थी. इसके बाद अपने दूसरे मैच में उसे अर्जेंटीना के हाथों 2-4 से शिकस्त खानी पड़ी थी. ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम बगैर कोई मैच जीते ही क्वार्टर फाइनल दौर का रुख करेगी.
भारत की ओर से एसवी सुनील (33वें मिनट), मनप्रीत सिंह (47वें मिनट) और रुपिंदर पाल सिंह (49वें मिनट) ने गोल किया जबकि नीदरलैंड्स की ओर से मिंक वेरदेन ने 36वें और 58वें मिनट में दो गोल किए.
शुरुआत के दो क्वार्टर गोलरहित निकल जाने के बाद भारत ने 33वें मिनट में उस समय पहली सफलता हासिल की, जब गुरजिंदर सिंह के एक लंबे और तेज पास पर एसवी सुनील ने डिफ्लेक्शन के जरिए गोल किया. यह एक उम्दा फील्ड गोल था. डच टीम ने इसके खिलाफ रेफरल मांगा लेकिन उसे नकार दिया गया.
डच टीम ने पहला गोल खाने के बाद हमला तेज कर दिया. 34वें और 35वें मिनट में उसे दो पेनल्टी कॉर्नर मिले. पहला प्रयास नाकाम करने के प्रयास में गुरजिंदर सिंह डच टीम को दूसरा पेनल्टी कॉर्नर दे बैठे. इस पर मिंक ने कोई गलती नहीं की और अपनी टीम को 1-1 की बराबरी पर ला दिया.
तीसरे क्वार्टर तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं. चौथा क्वार्टर शुरू होने के साथ ही भारत ने तेजी से हमला किया. दानिश मुज्तबा ने 47वें मिनट में डच टीम के गोलपोस्ट पर दो हमले किए. पहला हमला बेकार गया लेकिन दूसरी कोशिश में दानिश के पास को मनप्रीत रोकने में कामयाब रहे. मनप्रीत ने बिना कोई गलती किए गेंद को गोलपोस्ट में डालकर अपनी टीम को 2-1 से आगे कर दिया.
भारत ने यह सफलता हासिल करने के दो मिनट बाद 49वें मिनट में एक बार फिर डच गोलपोस्ट पर हमला किया. अपने इस प्रयास के दौरान भारतीय टीम ने सफलतापूर्वक पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किया, इस पर रुपिंदर ने कोई गलती नहीं करते हुए भारत को 3-1 से आगे कर दिया.
डच टीम अब बराबरी के बारे में सोचने लगी थी. इसे ध्यान में रखकर उसने हमला तेज कर दिया. इस क्रम में उसे 57वें और 58वें मिनट में दो पेनल्टी कॉर्नर मिले. पहली कोशिश तो नाकाम रही लेकिन दूसरे प्रयास में मिंक भारतीय गोलकीपर और उपकप्तान पीआर श्रीजेश के दाईं ओर गेंद को सरकाकर अपनी टीम के लिए दूसरा गोल किया.
अंतिम मिनट में भी डच टीम ने जोरदार हमले किए लेकिन श्रीजेश उन्हें बचाने में सफल रहे. मैच समाप्ति की सीटी बजते के साथ ही भारतीय खिलाड़ी खुशी से झूमने लगे. आखिरकार भारत ने 1986 के बाद पहली बार नीदरलैंड्स जैसी मजबूत टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में हराया जो था. नीदरलैंड्स और भारत के बीच यह अब तक का 13वां मैच था. नीदरलैंड्स ने आठ मैच जीते हैं जबकि भारत ने तीन में जीत हासिल की है. दो मैच ड्रॉ रहे हैं.
इनपुट IANS से