दुनिया के शीर्ष हॉकी खिलाड़ियों के बीच सोमवार से शुरू हो रही पहली हॉकी इंडिया लीग के जरिये विश्व हॉकी के एक नये युग का सूत्रपात होगा जिसमें आईपीएल की तर्ज पर पांच शहरों की टीमें खिताब के लिये भिड़ेंगी. पहला मैच 14 जनवरी को दिल्ली वेवराइडर्स और जेपी पंजाब वारियर्स के बीच खेला जायेगा.
मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम पर 14 जनवरी को पहले मैच से 10 फरवरी तक चलने वाली हॉकी की नई जंग का आगाज होगा. इसमें दिल्ली और पंजाब के अलावा यूपी विजार्डस, रांची राइनोज और मुंबई मैजिशियंस भी मैदान में रहेंगी. हर टीम में 24 खिलाड़ी हैं जिनमें से 10 खिलाड़ी विदेशी हैं. हॉलैंड के टोन डे नूयेर ( 87400 डालर यूपी ) सबसे महंगे बिके खिलाड़ी हैं जबकि भारत के सरदार सिंह (दिल्ली 78000 ) सबसे महंगे भारतीय खिलाड़ी हैं.
इनके अलावा विश्व चैम्पियन आस्ट्रेलिया के कप्तान जैमी ड्वायेर (पंजाब), इस साल एफआईएच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी ओलंपिक चैम्पियन जर्मनी के कप्तान मौरित्ज फ्युस्र्ते (रांची) और भारतीय ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह (मुंबई) , भारत के स्टार फारवर्ड एस वी सुनील (पंजाब) आइकन खिलाड़ी चुने गए.
भारतीय टीम के कप्तान और दिल्ली के आइकन खिलाड़ी सरदार ने इस लीग को भारतीय हाकी के लिये वरदान बताते हुए कहा ,‘इस लीग के जरिये भारतीय खिलाड़ियों को दुनिया के नामचीन खिलाड़ियों से काफी कुछ सीखने को मिलेगा. इसके अलावा दुनिया के शीर्ष कोचों के मार्गदर्शन में खेलने का मौका मिल रहा है. उम्मीद है कि इस लीग से भारतीय हॉकी के लिये खिलाड़ियों का पूल बड़ा होगा.’
पहले लीग में छह टीमें होनी थी लेकिन बेंगलूर फ्रेंचाइजी को किसी ने नहीं खरीदा. इसके बाद हालैंड के महान ड्रैग फ्लिकर ताइके ताकेमा चोट के कारण लीग से बाहर हो गए. फिर नौ पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा देरी से मिलने के कारण उनकी भागीदारी पर सवालिया निशान लग गए हालांकि बाद में उन्हें वीजा मिल गए. कागजों पर बराबरी की दिख रही टीमें पिछले दो सप्ताह से साथ अभ्यास कर रही है. पंजाब के कप्तान ड्वायेर ने स्वीकार किया कि अलग अलग मुल्कों के खिलाड़ियों को एक ईकाई के रूप में ढालना बड़ी चुनौती है.
उन्होंने कहा ,‘अपने देश की टीम की कप्तानी करना आसान होता है लेकिन अलग अलग देशों से आये खिलाड़ियों को एक ईकाई के रूप में बांधना चुनौतीपूर्ण है. मैदान के भीतर और बाहर तालमेल ही लीग में सफलता की कुंजी होगा और मुझे यकीन है कि भारतीय हाकी के लिये यह लीग चमत्कारी साबित होगी.’ पिछले दो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली जर्मन टीम के कप्तान फ्युस्र्ते के अनुसार इस लीग से भारतीय हाकी का पुराना गौरव लौटाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा ,‘भारत जैसा हाकी का क्रेज मैने कहीं नहीं देखा. इस लीग से भारतीय हॉकी का पुराना गौरव लौटाने में मदद मिलेगी. भारत के युवा खिलाड़ियों को दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों और कोचों से काफी कुछ सीखने को मिलेगा. डच और जर्मन लीग से जिस तरह यूरोपीय हाकी को फायदा मिला है, उसी तरह भारतीय हाकी के लिये यह लीग मददगार होगी.’
दुनिया के शीर्ष कोच आस्ट्रेलिया के रिक चार्ल्सवर्थ (मुंबई), डच रोलैंट ओल्टमेंस (यूपी), आस्ट्रेलिया के बैरी डांसर (पंजाब) , दक्षिण अफ्रीका के ग्रेग क्लार्क और भारत के अजय बंसल (दिल्ली) भी इस लीग से जुड़े हैं. एफआईएच ने इस लीग को अपने अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में 30 दिन का विंडो दिया है यानी इस दौरान दुनिया में कहीं भी उसका कोई टूर्नामेंट नहीं होगा.
14 जनवरी को उद्घाटन समारोह के बाद पहला मुकाबला सरदार सिंह की अगुवाई वाले दिल्ली वेवराइडर्स और जैमी ड्वायेर के जेपी पंजाब वारियर्स के बीच होगा. स्टेडियम में दर्शकों को खींचने के लिये इसमें प्रवेश निशुल्क रखा गया है.दिल्ली के पास भारत के युवराज वाल्मीकि, गुरविंदर सिंह चांडी, दानिश मुज्तबा के अलावा पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान सीनियर और न्यूजीलैंड के साइमन चाइल्ड जैसे फारवर्ड खिलाड़ी हैं. वहीं प्लेमेकर की भूमिका में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पांच खिलाड़ियों में शुमार सरदार का साथ गुरबाज सिंह देंगे. ड्रैग फ्लिकर ताकेमा के नहीं आने से उसे नुकसान हुआ है लेकिन रूपिंदर पाल सिंह अच्छे फार्म में हैं.
दूसरी ओर पंजाब के पास भारतीय और आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है. कोच डांसर ने कहा ,‘हम आस्ट्रेलियाई और भारतीय शैली का मिला जुला रूप खेलेंगे. जोर आक्रामक हॉकी पर ही रहेगा.’ पंजाब के पास ड्वायेर, एस वी सुनील , शिवेंद्र सिंह और कीरान गोवर्स जैसे जबर्दस्त स्ट्राइकर हैं. वहीं मिडफील्ड में साइमन ओर्चार्ड , राब हामंड (ऑस्ट्रेलिया) और लुकास रे (अर्जेंटीना) होंगे. उसके पास हालैंड के याप स्टोकमैन जैसा बेहतरीन गोलकीपर भी है जो नीलामी में 68000 डालर में खरीदा गया. डिफेंस की बागडोर इग्नेश टिर्की , क्रिस्टोफर सिरिएलो , मार्क नोल्स (आस्ट्रेलिया) और काशिफ शाह (पाकिस्तान) के पास होगी.