अजिंक्य रहाणे को वनडे क्रिकेट में पदार्पण किए ढाई साल से ज्यादा समय हो चुका है, इतना ही नहीं पहला टेस्ट मैच खेले हुए भी एक साल का समय बीत चुका है. लेकिन इस बीच रहाणे को काफी बार बेंच पर बैठना पड़ा है और ऐसे में इनसिक्योरिटी का बढ़ना तो लाजमी है.
लेकिन टेस्ट क्रिकेट में दो शानदार पारियों के बाद अब अजिंक्य रहाणे आत्मविश्वास से भरे हुए हैं. वेलिंग्टन टेस्ट में सेंचुरी और डरबन में खेली गई 96 रनों की पारी ने रहाणे के क्रिकेट करियर को एक नई दिशा दी.
टी-20 क्रिकेट की बात होते ही टीम इंडिया में युवराज सिंह और एम एस धोनी जैसे खिलाड़ियों का नाम जेहन में आता है. ये वो खिलाड़ी हैं जो मैच का रुख बदलने का माद्दा रखते हैं.
आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद रहाणे को टी-20 वर्ल्ड कप में बेंच पर ही बैठना पड़ सकता है क्योंकि धोनी रोहित शर्मा से ही पारी की शुरुआत कराने पर तुले नजर आ रहे हैं. रोहित और रहाणे दोनों अच्छे दोस्त हैं और इस समय टीम में एक ही स्थान के लिए आमने सामने हैं.
दोनों खिलाडियों के करीबी लोगों का कहना है कि इन दोनों में से हर कोई ओपनिंग करना चाहता है. हालांकि, रहाणे किसी तरह के विवाद को जन्म देना नहीं चाहते लेकिन अपनी बात रखते हुए कहते हैं, 'मैंने टी-20 में ओपनिंग की है लेकिन यह टीम पर निर्भर करता है कि वो मुझे किस नंबर पर बल्लेबाजी का मौका देती है. कब आपको ज्यादा से ज्यादा ओवर खेलने का मौका मिलता है. लेकिन इसके लिए आपको उस पोजीशन में ढलना पड़ता है. मुझे पूरा भरोसा है कि मैं किसी भी पोजीशन में टीम के लिए मैच जिता सकता हूं.