टीम इंडिया के डायरेक्टर रवि शास्त्री ने आज तक से खास बातचीत में कहा कि टीम इंडिया को फिलहाल हेड कोच की जरूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मौजूदा टीम मैनेजमेंट अपना काम बखूबी निभाएगी. आज तक की संवाददाता शिवानी गुप्ता से उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर खुल कर बातचीत की. पढ़ें इस बातचीत के मुख्य अंश.
सवालः रवि आपने कहा कि आप हमारी सोच से ज्यादा समय तक बने रह सकते हैं?
यह पूरी तरह से बीसीसीआई पर निर्भर करता है मैं उनसे बात करुंगा अगर चीजें सही रहीं और दोनों पक्ष सहमत हुए तो मुझे लंबे समय तक रहने में कोई दिक्कत नहीं है.
सवालः तो आप ही कोच क्यों नहीं बन जाते?
आप बन सकते हैं. लेकिन इससे क्या अंतर आयेगा? आप चाहे टीम के डायरेक्टर हों या मुख्य कोच हो बात एक ही है. यहां तीन और कोच भी हैं वो अपना काम करेंगे और मेरा काम है सब व्यवस्थित रखना मैं वो करुंगा.
सवालः लेकिन क्या ये बहुत से लोगों को इकट्ठा करने जैसा नहीं हो जाएगा? क्या सब साथ चल पाएंगे?
अरे! आप चाहो तो 10 और लोगों को डाल दो मुझे कभी भी लोगों के साथ चलने में कोई दिक्कत नहीं हुई.
सवालः मैं एक बार फिर से दोहराना चाहूंगी, क्या ऐसा नहीं लग रहा कि बहुत सारे लोगों को उनकी भूमिका साफतौर पर बताये बिना चार्ज दे दिया गया है?
आप भी दोहराते रहिए मैं भी दोहराता रहूंगा, ये कोई मसला नहीं है.
सवालः लेकिन लोगों का मानना है कि अहं की समस्या हो सकती है?
आपको ऐसा लग सकता है लेकिन, सभी लोग साथ हैं और हम अपना काम कर रहे हैं शांति से. कभी कोई मसला नहीं हुआ चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है.
सवालः लेकिन अगर मुख्य कोच या टीम डायरेक्टर के रूप में आप सलाह समिति की बात नहीं मानते हैं. अगर आप लोगों में असहमति हो जाए तो?
सभी की अपनी भूमिका है यदि सभी अपनी भूमिका सही से निभाते हैं तो कभी कोई दिक्कत नहीं होगी.
सवालः मतलब आपके अनुसार आक्रामकता की कमी, ज्यादा सुरक्षात्मक होना और टीम में मन-मुटाव जैसी बातें जो हमने धोनी के कार्यकाल में देखी थीं वो विराट के समय में नहीं होंगी?
धोनी महान खिलाड़ी है उसने अपना गेम बहुत अच्छे से खेला, खेल को नई ऊंचाइयों पर ले गया और हम उसे एकदिवसीय सीरीज में फिर से टीम के साथ देखेंगे. अभी के लिए विराट कोहली हमारा लीडर है देखते हैं कि ये हफ्ता कैसा गुजरता है. मैं आपको बता चुका हूं कि भारत कैसा खेलने वाला है, वो आक्रामक होकर और पूरी तरह से टेंशन फ्री होकर खेलेंगे. हम एक बार में सिर्फ एक कदम उठाते हैं.