2011 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने युवराज सिंह ने स्वीकार किया है कि अब शायद वो भारतीय टीम के लिए कभी नहीं खेल पाएंगे.
विजडन इंडिया को दिए इंटरव्यू में युवी ने कहा, 'ऐसी आशंका है कि मैं शायद कभी टीम इंडिया के लिए नहीं खेल सकूं लेकिन ऐसी संभावना भी है कि शायद मुझे टीम में वापसी करने का मौका मिल जाए. जहां तक मेरा विश्वास है, मैं भारतीय टीम में वापसी कर सकता हूं. मैं अपना पूरा दम लगाता रहूंगा.'
पढ़ें: युवी के प्रैंक के कारण गांगुली ने कप्तानी से इस्तीफा देने के बात कही थी
दिसंबर 2013 में दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर वनडे क्रिकेट में खराब प्रदर्शन के बाद युवी को टीम इंडिया से ड्रॉप कर दिया गया. युवराज ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच टी-20 वर्ल्ड कप में खेला था. इस टूर्नामेंट में युवी ने पांच पारियां खेली थीं और महज एक अर्धशतक जड़ सके थे. फाइनल मैच में श्रीलंका के खिलाफ अपनी धीमी पारी के लिए उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था.
आईपीएल में बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स की ओर से युवी ने अच्छा प्रदर्शन (376 रन और पांच विकेट) किया लेकिन बावजूद इसके उन्हें वनडे टीम में जगह नहीं मिली.
युवी ने कहा, 'टीम में नहीं चुना जाना हमेशा ही खराब लगता है. उम्मीद करता हूं कि चीजें बदलेंगी और मैं फिर से टीम में चुना जाऊंगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो जिंदगी बहुत डिप्रेसिंग हो जाएगी. मैं सिर्फ कोशिश कर सकता हूं और अपना बेस्ट दे सकता हूं.'