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धोनी ने कहा, नहीं छोड़ सकता कप्‍तानी

घरेलू सरजमीं पर लगातार दो शर्मनाक हार के बावजूद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी छोड़ने से इनकार करते हुए कहा कि यह भागने का नहीं बल्कि जिम्मेदारी लेने और टीम का भाग्य बदलने का समय है.

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धोनी
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घरेलू सरजमीं पर लगातार दो शर्मनाक हार के बावजूद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी छोड़ने से इनकार करते हुए कहा कि यह भागने का नहीं बल्कि जिम्मेदारी लेने और टीम का भाग्य बदलने का समय है.

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इंग्लैंड के हाथों ईडन गार्डन्स में सात विकेट से शिकस्त के साथ चार मैचों की श्रृंखला में भारत के 1-2 से पिछड़ने के बाद धोनी ने कहा कि फिलहाल मेरे लिए सबसे आसान यह कहना होगा कि मैं कप्तानी छोड़ रहा हूं और सिर्फ टीम का हिस्सा हूं लेकिन यह जिम्मेदारी से भागने की तरह होगा.

उन्होंने कहा कि बेशक अन्य लोग भी हैं जो फैसला करेंगे. बीसीसीआई और प्रशासनिक लोग भी हैं जो इसे देखना चाहेंगे. टेस्ट मैचों में धोनी की फार्म भी सवालों के घेरे में है. धोनी ने कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह टीम को एकजुट करें और अगले मैच के लिए तैयार करें.

उन्होंने कहा कि मेरे लिए, मेरी जिम्मेदारी टीम को एकजुट करना और अगले टेस्ट की तैयारी करना है. यहीं अनुभव काम आता है. आपके पास अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है.

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धोनी से जब यह पूछा गया कि क्या वह अब भी टेस्ट टीम की कप्तानी के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं, उन्होंने कहा कि यह फैसला चयनकर्ताओं को करना है. पिछले साल विदेशी सरजमीं पर आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के हाथों लगतार आठ टेस्ट में शिकस्त के बाद भारत को घरेलू सरजमीं पर भी लगातार दो हार का सामना करना पड़ा है.

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया श्रृंखला मेरे कैरियर का सबसे न्यूनतम दौर था क्‍योंकि हम प्रतिस्पर्धा पेश नहीं कर पाए. हमें पता है कि यहां कमियां क्या हैं और हमें इन्हें दूर करना चाहिए. भारत को डंकन फ्लैचर के कोच पद संभालने के बाद इन शर्मनाक हारों का समाना करना पड़ा है जिससे भारत की रैंकिंग एक से पांच हो गई है. धोनी ने हालांकि कहा कि यह दोषारोपण करने का समय नहीं है.

उन्होंने कहा कि कोच पर सवाल उठाना गलत है. हमने कुछ श्रृंखलाएं जीती हैं. एकदिवसीय मैचों में प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और इस बीच हमने टेस्ट श्रृंखलाएं भी जीती.

भारतीय कप्तान ने कहा कि हां, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड श्रृंखला में हमें जूझना पड़ा और इस श्रृंखला में भी हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और दो मैच गंवा दिए. हमें बहाने या दोषारोपण पर ध्यान नहीं देना चाहिए. कोच पर सवाल नहीं उठाने चाहिए. आखिर मैदान पर 11 खिलाड़ी उतरते हैं. धोनी ने कहा कि फ्लेचर की तकनीकी जानकारी बेजोड़ है और वह सही दिशा में खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं.

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