इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) के नई स्कोरिंग प्रणाली ने छह फ्रेंचाइजी टीमों के कोचों के बीच हलचल मचा दी है जिन्होंने इसे ‘दिलचस्प’ और ‘चुनौतीपूर्ण’ करार किया है.
छह फ्रेंचाइजी टीमों ने बैठक में चर्चा की और खिलाड़ियों की नीलामी के लिये रणनीति तैयार की, तभी उन्हें नई स्कोरिंग प्रणाली के बारे में सूचित किया गया जो शुरुआती लीग के 90 मैचों के दौरान इस्तेमाल की जायेगी.
नई स्कोरिंग प्रणाली के अनुसार पहले दो गेम में प्रत्येक में सात और 14 अंक पर 60 सेकेंड के दो ब्रेक होंगे और अगर यह मैच निर्णायक गेम में पहुंचता है तो यह ब्रेक छठे अंक के बाद होगा.
इसके अलावा पहले दो गेम स्टैंडर्ड दो अंक के अंतर के बिना 21 अंक के होंगे और निर्णायक गेम में जो खिलाड़ी पहले 11 अंक पर पहुंचेगा, वह मैच का विजेता बनेगा.
पूर्व भारतीय कोच विमल कुमार आईबीएल में ‘बंगा बीट्स’ का मार्गदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘यह नई स्कोरिंग प्रणाली है. यह देखना दिलचस्प होगा कि खिलाड़ी इस नई अंक प्रणाली से कैसे निपटते हैं. इससे मैच और प्रतिस्पर्धी हो जायेंगे. इस नई प्रणाली से खिलाड़ी ऊंची रैंकिंग के खिलाड़ी को हराने की भी उम्मीद कर सकते हैं.’
दुनिया के नंबर एक ली चोंग वेई को ट्रेनिंग देने वाले महान मलेशियाई कोच राशिद सिडेक ने हालांकि कहा कि नई स्कोरिंग प्रणाली आक्रामक खिलाड़ियों की मदद करेगी. उन्होंने कहा, ‘इससे उन खिलाड़ियों को मदद मिलेगी, जिनका गेम आक्रामक है. ब्रेक खिलाड़ियों की लय बिगाड़ सकते हैं लेकिन फिर भी ली चोंग वेई जैसे खिलाड़ी को हराना मुश्किल होगा.’ अन्य स्टैंडर्ड स्कोरिंग प्रणाली के नियम वहीं रहेंगे जैसे दोनों पक्षों को पहले और दूसरे तथा दूसरे और तीसरे गेम के बीच में दो दो मिनट का ब्रेक मिलेगा जबकि निर्णायक के छठे अंक पर खिलाड़ी अपने सर्विस कोर्ट बदलेंगे.
मैचों का प्रारूप भी थोड़ा सा बदला गया है क्योंकि इसमें पांच गेम दो पुरुष एकल, एक महिला एकल, एक पुरुष और मिश्रित युगल मुकाबला होगा.
भारत के राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद आईबीएल की संचालन परिषद के एक सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि नई स्कोरिंग प्रणाली मुकाबले को छोटा करने के लिये अपनायी गयी है ताकि पांच मैच तीन घंटे के अंदर ही खत्म हो जायें.